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पद्मावत: मुजफ्फरपुर के सिनेमाघर में बवाल, गुजरात में हाईवे पर जाम-आगजनी: Video

पद्मावत अभी रिलीज भी नहीं हुई है, लेकिन राजपूत समाज के लोग कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ शुरू कर दी है. गुरुवार को बिहार के मुजफ्फरपुर के एक सिनेमाहॉल में कार्यकर्ताओं ने उत्पात मचाया.

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सिनेमाहॉल में कार्यकर्ताओं ने मचाया उत्पात
सिनेमाहॉल में कार्यकर्ताओं ने मचाया उत्पात

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पद्मावत अभी रिलीज भी नहीं हुई है, लेकिन राजपूत समाज के लोगों ने तोड़फोड़ की. गुरुवार को बिहार के मुजफ्फरपुर के एक सिनेमा हॉल में कुछ लोगों ने जमकर उत्पात मचाया. अहमदाबाद में भी राजपूत समाज ने हाईवे पर आगजनी की. बिहार में जेडीयू प्रवक्ता ने फिल्म बैन की मांग की.

करणी सेना समेत राजपूत समाज संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' के विरोध पर उतारू है. मुजफ्फरपुर में कार्यकर्ताओं ने पोस्टर को फाड़ा और सिनेमा हॉल में घुसकर फिल्म के विरोध में नारेबाजी की. वीडियो में कार्यकर्ता नारे लगाते दिख रहे हैं 'पद्मावती फिल्म बैन करो'. बता दें कि करणी सेना ने हर हाल में फिल्म की रिलीज रोकने की धमकी दी है. देखें वीडियो

गुजरात में भी बवाल

गुजरात के अहमदाबाद में राजपूत समाज की ओर से हाईवे जाम करने की खबरें हैं. सड़क पर जाम के दौरान तोड़-फोड़ और आगजनी भी की गई है. इससे पहले राजस्थान के कई इलाकों में भी सड़क पर जाम लगाकर पद्मावत का विरोध किया गया. कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में एक स्कूल में पद्मावत के गाने घूमर को बजाने पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की थी. 

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जेडीयू प्रवक्ता ने कहा, बिहार में बैन करें फिल्म

इसी बीच इस फिल्म पर बिहार में बैन लगाने की मांग सामने आई है. बिहार में पद्मावती पर बैन लगाने की मांग किसी और ने नहीं बल्कि खुद नीतीश कुमार की पार्टी के नेता ने की है. पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'विवादित फिल्म को आहत होती मानवीय भावनाओं और विरोध के बीच हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश में बैन कर दिया गया था. उन्होंने मुख्यमंत्री से फिल्म को बिहार में भी बैन करने की मांग की. संजय सिंह ने कहा, यह उनकी व्यक्तिगत राय है. वो इसके लिए खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर आग्रह करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई

बता दें कि गुरुवार को चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया की बेंच ने पद्मावत पर चार राज्यों के बैन को असंवैधानिक करार देते हुए कहा, क़ानून व्यवस्था बनाना राज्यों की जिम्मेदारी है. यह राज्यों का संवैधानिक दायित्व है. फिल्म पर बैन लगाना, संविधान की आर्टिकल 21 के तहत लोगों को जीवन जीने और स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है. बेंच ने राज्यों के नोटिफिकेशन को गलत बताया.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इस नोटिफिकेशन से आर्टिकल 21 के तहत मिलने वाले अधिकारों का हनन होता है. राज्यों की यह भी जिम्मेदारी है कि फिल्म देखने जाने वाले लोगों को सुरक्षित माहौल मिले. इससे पहले अटार्नी जनरल ने राज्यों का पक्ष रखने के लिए सोमवार का वक्त मांगा. लेकिन कोर्ट ने पहले ही फैसला दे दिया.

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#पद्मावत पर साल्वे ने पेश की दलील

इससे पहले निर्माताओं का पक्ष रखते हुए साल्वे ने कहा, राज्यों का पाबंदी लगाना सिनेमैटोग्राफी एक्ट के तहत संघीय ढांचे को तबाह करना है. राज्यों को इस तरह का कोई हक नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि लॉ एंड आर्डर की आड़ में राजनीतिक नफा नुकसान का खेल हो रहा है. बता दें कि वायकॉम 18 ने याचिका दायर कर चार राज्यों के बैन का विरोध किया था. उम्मीद है कि प्रतिबंध लगाने वाले चार राज्य सोमवार को अपना पक्ष रखें.

#24 जनवरी को रिलीज होगी फिल्म

पद्मावत के निर्माता देशभर के सिनेमाघरों में 24 जनवरी को इसका पेड प्रीव्यू रखेंगे. ‘पद्मावत’ के डिस्ट्रीब्यूटर्स 24 जनवरी की रात 9.30 बजे स्क्रीन होने वाले शोज का भुगतान करके उसकी जगह ‘पद्मावत’ को स्क्रीन करेंगे. फिल्म एक्सपर्ट की राय में ऐसा करने से ‘पद्मावत’ के मेकर्स को फिल्म को लेकर चल रही अफवाह को गलत साबित करने का मौका मिलेगा. साथ ही, फिल्म देखने के बाद लोगों की पॉजिटिव रिस्पोंस फिल्म के लिए फायदेमंद होगा.

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देश के चार राज्यों ने लगाया था बैन फिल्म

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मंगलवार को हरियाणा सरकार ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का फैसला लिया था. रणवीर, दीपिका, शाहिद कपूर स्टारर इस फिल्म के प्रदर्शन पर हरियाणा से पहले राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की सरकारों ने भी बैन लगा दिया था. मध्य प्रदेश सरकार ने कोर्ट के आदेश के बाद कहा है कि राज्य में जब तक पद्मावती बैन रहेगी, तब तक कि सरकार फैसले की समीक्षा नहीं कर लेती.

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