हिंसाजनक प्रदर्शन और भारी सुरक्षाबल के बीच पद्मावत पूरे देश में रिलीज़ हो गई है. देश के कई शहरों में सुबह से ही आगजनी और तोड़फोड़ की खबरें आ रही हैं. इसी बीच करणी सेना के प्रदर्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी भी दाखिल की गई है. अभी तक केंद्र सरकार ने इस मुद्दे से दूरी बनाई गई थी, लेकिन गुरुवार सुबह केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने पद्मावत से जुड़े मुद्दे पर कई ट्वीट किए. वीके सिंह ने पद्मावत पर हो रही हिंसा का विरोध किया और राज्य सरकारों की जिम्मेदारी बनती है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से फिल्म का प्रदर्शन करवाएं.
वीके सिंह ने गुरुवार को ट्वीट किया कि वार्ता और असहमति लोकतंत्र के स्तंभ की तरह है, लेकिन इसके लिए हिंसा किसी भी तरह से स्वीकार नहीं की जा सकती है.
Disagreement and dialogue are pillars of any democracy. However, resorting to violence is not acceptable under any circumstances (1/7)
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) January 25, 2018
In a vibrant democracy like ours, we will come across situations when one person’s freedom of expression is at loggerheads with another’s pride or beliefs. (2/7)
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) January 25, 2018
This does not mean that it gives one the right to resort to violence. There is a need for us to have dialogue and sort out the differences in an amicable manner. (3/7)
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) January 25, 2018
उन्होंने लिखा कि लोकतंत्र में हम कभी ऐसी परिस्थिति में आ जाते हैं जब किसी व्यक्ति की अभिव्यक्ति की आज़ादी किसी के सम्मान को ठेस पहुंचाती है. लेकिन ऐसे में हिंसा करके ही विरोध नहीं जताया जा सकता है. अगर परेशानी है तो सभी को बातचीत से अपनी समस्याओं को दूर करना चाहिए.
Stakeholders affected by this issue should come to the table and have a meaningful dialogue and look for solutions. (4/7)
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) January 25, 2018
Being cognizant of the hon’ SC’s decision, the onus is on state governments to facilitate the smooth viewing of #Padmaavat. (5/7)
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) January 25, 2018
And most importantly it is the onus of the state governments to bring together various stakeholders on to the table and have a dialogue. (6/7)
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) January 25, 2018
वीके सिंह ने लिखा कि पक्षकारों को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए एक टेबल पर आना चाहिए और बातचीत से मुद्दे को हल करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए राज्य सरकारों की जिम्मेदारी बनती है कि वह पद्मावत की रिलीज़ शांतिपूर्ण तरीके से करवाए. राज्य सरकार को ही पक्षकारों को एक टेबल पर लाकर बातचीत करवानी चाहिए. मैं सभी लोगों से शांति की अपील करता हूं. हमें अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए जिम्मेदारी से काम करना चाहिए.
स्कूली बस पर मारे थे पत्थरIt is a request to all to maintain calm and peace. This is our county and it’s our collective responsibility to build it into a strong nation. (7/7)
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) January 25, 2018
बुधवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर जबरदस्त वायरल हुआ, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने स्कूली बच्चों और महिलाओं तक को नहीं बख्शा. करणी सेना ने एक स्कूली बस पर हमला कर दिया. स्कूली बच्चों और स्टाफ ने सीट में छिपकर किसी तरह अपनी जान बचाई. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
LIVE: पर्दे पर 'पद्मावत', सड़कों पर करणी सेना का उपद्रव-आगजनी, कई जगह स्कूल बंद
सुरेश प्रभु ने भी थी निंदा
स्कूली बच्चों पर हमले की घटना के बाद स्विट्जरलैंड के दावोस में मौजूद केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने सख्त लहजे में संदेश दिया था कि बच्चों और महिलाओं पर करणी सेना के हमले को मोदी सरकार कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बच्चों और महिलाओं पर हमले की कड़ी निंदा की है. इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर भी जमकर हमला बोला.
बड़े सितारों से कमजोर नहीं है पद्मावत में इन कलाकारों का रोल
देशभर में रिलीज़ हुई है फिल्म
गौरतलब है कि हिंदी, तमिल और तेलुगु भाषा के साथ ये फिल्म 6 से 7 हजार स्क्रीन्स पर रिलीज हुई है. फिल्म का विरोध कर रही करणी सेना ने आज देशव्यापी बंद का ऐलान किया है. विरोध के चलते गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गोवा में सिनेमाघर मालिकों ने फिल्म नहीं दिखाने का फैसला किया है. बिहार में पटना को छोड़कर राज्य के बाकी हिस्सों में फिल्म रिलीज हुई. करणी सेना और राजपूत संगठनों से जुड़े लोगों का रिलीज के दिन भी प्रदर्शन जारी है.