संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने 4 राज्यों में फिल्म पर लगाए गए बैन को असंवैधानिक बताया है. साथ ही राज्य सरकारों को कानून व्यवस्था संभालने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का बॉलीवुड ने स्वागत करते हुए इसे दिन की बेस्ट न्यूज बताया है.
Best news of the day which restores faith in our democracy : Supreme Court suspends ban imposed by 4 states on #Padmaavat, restrains other states from issuing similar orders.
— Ayushmann Khurrana (@ayushmannk) January 18, 2018
SC states censor approved #Padmaavat can't be banned by states. Great decision. Every story can't be told how bullies want it. Artists, just as anyone else, have freedom to express in India. The states involved should respect decision and curb bullies.
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) January 18, 2018
Thank U #SupremeCourt for lifting the ban on the release of the film #Padmavat. A great day for the freedom of expression of a #Filmmaker. pic.twitter.com/s7neFbuty7
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) January 18, 2018
I Welcome The Honorable Supreme Court's decision of withdrawing the ban on #Padmavat..Congrats to the Entire team !! 🙏
— Madhur Bhandarkar (@imbhandarkar) January 18, 2018
Bravo to the Supreme Court of India! 👏👏👏 Every Indian should have the right to decide for themselves if they want to see #Padmaavat without being dictated to! #BanTheBan https://t.co/Qmyj68Ma63
— Milap (@zmilap) January 18, 2018
आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रवि शंकर ने किया फिल्म का सपोर्ट
विवादों में बनी फिल्म पद्मावत के निर्माताओं की ओर से आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रवि शंकर के लिए बेंगलुरू में फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई थी. फिल्म देखने के बाद श्रीश्री रवि शंकर ने कहा, यह अद्भुत है. इस पर हमें गर्व है.
उन्होंने कहा, 'यह रानी पद्मिनी का सम्मान है. पूरी फिल्म में ऐसी कोई बात नहीं है, जिस पर आपत्ति जताई जाए. मुझे इस बात पर हैरानी है कि कुछ लोग इस फिल्म का विरोध कर रहें हैं.' श्रीश्री ने यह भी कहा, फिल्म को लेकर अब तक जो विवाद हुआ वह बेवजह है. यह फिल्म रानी पद्मिनी को सच्ची श्रद्धांजलि और राजपूतों के सम्मान की गौरव गाथा है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
गुरुवार को चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया की बेंच ने कहा, राज्यों में क़ानून व्यवस्था बनाना राज्यों की जिम्मेदारी है. यह राज्यों का संवैधानिक दायित्व है. संविधान की आर्टिकल 21 के तहत लोगों को जीवन जीने और स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है. बेंच ने राज्यों के नोटिफिकेशन को गलत बताया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इस नोटिफिकेशन से आर्टिकल 21 के तहत मिलने वाले अधिकारों का हनन होता है. यह राज्यों का दायित्व है कि वह क़ानून व्यवस्था बनाए. राज्यों की यह भी जिम्मेदारी है कि फिल्म देखने जाने वाले लोगों को सुरक्षित माहौल मिले. इससे पहले अटार्नी जनरल ने राज्यों का पक्ष रखने के लिए सोमवार का वक्त मांगा. लेकिन कोर्ट ने पहले ही फैसला दे दिया.
इससे पहले निर्माताओं का पक्ष रखते हुए साल्वे ने कहा, राज्यों का पाबंदी लगाना सिनेमैटोग्राफी एक्ट के तहत संघीय ढांचे को तबाह करना है. राज्यों को इस तरह का कोई हक नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि लॉ एंड आर्डर की आड़ में राजनीतिक नफा नुकसान का खेल हो रहा है. बता दें कि वायकॉम 18 ने याचिका दायर कर चार राज्यों के बैन का विरोध किया था. उम्मीद है कि प्रतिबंध लगाने वाले चार राज्य सोमवार को अपना पक्ष रखें.
मंगलवार को हरियाणा सरकार ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का फैसला लिया. रणवीर, दीपिका, शाहिद कपूर स्टारर ये फिल्म राजपूत समुदाय के विरोध के बाद से ही विवादों में है. हरियाणा से पहले राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की सरकारों ने भी फिल्म के प्रदर्शन पर बैन लगाया था.