आज फिल्म पद्मावत रिलीज हो चुकी है और इस फिल्म के जरिये आपको बार-बार सिर्फ अलाउद्दीन खिलजी, रानी पद्मिनी और महारावल रतन सिंह के बारे में ही खबरें मिलती आयी हैं. हमने फिल्म देखने के बाद इस फिल्म के बाकी किरदारों के बारे में भी जाना है, आप भी पढ़िए
जलालुद्दीन खिलजी
फिल्म की शुरुआत ही जलालुद्दीन खिलजी से होती है, जो कि अलाउद्दीन खिलजी का चाचा है. इस किरदार को राजा मुराद ने बखूबी निभाया है. जलालुद्दीन खिलजी के बारे में बताया जाता है कि वो दिल्ली की सल्तनत का सुल्तान बनना चाहता था और अपने ख्वाब को उसने पूरा भी किया. लेकिन उसके भतीजे ने बड़ी ही बर्बरता के साथ अपने चाचा को मार दिया, जो कि इस फिल्म में भी दर्शाया गया है. राजा मुराद ने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है.
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मेहरुनिसा
फिल्म में जलालुद्दीन की बेटी मेहरूनिसा के किरदार में अभिनेत्री अदिति राव हैदरी दिखाई देती हैं. उनके ज्यादा सीन तो नहीं हैं लेकिन जितनी बार भी वो परदे पर आती हैं, अपने चेहरे के एक्सप्रेशन की वजह से बहुत अच्छा अभिनय करती हुई दिखाई देती हैं. अलाउद्दीन खिलजी, मेहरूनिशां से निकाह करता है लेकिन उसका मन पूरी तरह से पद्मावती को देखने के लिए बना रहता है.
मलिक काफूर
फिल्म में मलिक काफूर के किरदार में अभिनेता जिम सर्भ दिखाई देते हैं. जिन्हें आपने इसके पहले नीरजा फिल्म में देखा था. मलिक काफूर ने एक नपुंसक इंसान का किरदार निभाया है. जिसे खुद जलालुद्दीन ने तोहफे के तौर पर अलाउद्दीन खिलजी को दिया था और अलाउद्दीन के कहने पर काफूर किसी की भी जान ले सकता था. फिल्म में भी कुछ ऐसा ही दर्शाया गया है. फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और मलिक काफूर के समलैंगिक कनेक्शन को भी दर्शाने की हलकी सी कोशिश की गयी है. जिम सर्भ हालांकि किरदार में काफी लाउड हैं, जो शायद सभी को पसंद ना आये.
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गोरा बादल
जब भी पद्मावत का जिक्र होता है तो महारावल रतन सिंह के सेनापति और मुखिया गोरा और बादल का जिक्र भी जरूर होता है. जिन्हें महाराजा का ख़ास दर्शाया गया है. साथ ही कहानी में किस तरह से अपने राजा के लिए वो कुछ भी कर जाने के लिए खड़े रहते हैं, ये भी बखूबी दर्शाया गया है.
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राघव चेतन
फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और चित्तौड़ के राजा महारावल रतन सिंह के बीच युद्ध का माहौल बनाने का काम चित्तौड़ के पुरोहित और संगीतज्ञ राघव चेतन ही करते हैं. हालांकि मलिक मुहम्मद जायसी की पद्मावत में इस पुरोहित को तांत्रिक का दर्जा दिया गया है. अगर राघव चेतन की मौजूदगी नहीं होती तो शायद अलाउद्दीन खिलजी की नजर पद्मावती के ऊपर ना पड़ती और महारानी को जौहर नहीं करना पड़ता. तो पूरी लड़ाई की जड़ राघव चेतन ही है. इस किरदार को आयाम मेहता ने अच्छे ढंग से निभाया है.
नागमती
रानी नागमती, चित्तौड़ के राजा महारावल रतन सिंह की पहली पत्नी थी. जब राजा दूसरी शादी करके रानी पद्मिनी को चित्तौड़ ले आते हैं तो इस बात से नागमती बहुत खफा रहती हैं. फिल्म में इस किरदार को अनुप्रिया गोइन्का ने बखूब निभाया है. अनुप्रिया ने इसके पहले बॉबी जासूस, टाइगर जिन्दा है, डैडी जिसने फिल्में भी की हैं.