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आधिकारिक तौर पर 'पद्मावती' बनी 'पद्मावत'? फेसबुक पर नाम बदला

पद्मावती फिल्म अब पद्मावत के नाम से जानी जाएगी. सीबीएफसी के आदेश के बाद इसका नाम बदला गया है. फिल्म के निर्माताओं ने फेसबुक पर इसके वेरिफाइड अकाउंट का नाम बदलकर 'पद्मावत' कर दिया है.

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पद्मावत
पद्मावत

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पद्मावती फिल्म अब पद्मावत के नाम से जानी जाएगी. सीबीएफसी के आदेश के बाद इसका नाम बदला गया है. फिल्म के निर्माताओं ने फेसबुक पर इसके वेरिफाइड अकाउंट का नाम बदलकर पद्मावत कर दिया है.

फिल्म देखने के बाद सेंसर बोर्ड ने इसका नाम बदलकर पद्मावत करने को कहा था. निर्माताओं द्वारा बताया गया था कि ये आंशिक तौर पर मलिक मोहम्मद जायसी की रचना पद्मावत पर आधारित है. उधर, दूसरी ओर सूत्रों का कहना है कि फिल्म 26 जनवरी को रिलीज होगी. बता दें कि एक दिन पहले हमने सूत्रों के हवाले से 26 जनवरी की डेट बताई थी. अब कुछ रिपोर्ट्स में 25 जनवरी की रिलीज डेट बताई जा रही है. हालांकि वायकॉम 18 से इस बारे में बात करने के बाद रिलीज डेट को लेकर कोई कंफर्म डेट नहीं बताई गई है.

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इस बीच फिल्म की रिलीज को लेकर इंडि‍या टुडे से हुई राजस्थान बीजेपी चीफ अशोक परनामी की बातचीत में उन्होंने ये साफ कहा है कि अगर सेंसर बोर्ड ने फिल्म को क्लीयरेंस दे दी है तो फिल्म में सभी आपत्तिजनक बातों को निकालना होगा. अगर फिल्म से आपत्तिजनक चीजों को हटा दिया गया है तो कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ है तो ये बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

वसुंधरा का ऐलान- राजस्थान में नहीं दिखाई जाएगी पद्मावत

पद्मावत फिल्म विवाद के बीच राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने यह ऐलान किया है कि राजस्थान में पद्मावती फिल्म प्रदर्शित नहीं की जाएगी. फिल्म को लेकर राजे ने बयान जारी करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए यह फैसला लिया गया.

राजे ने कहा कि रानी पद्मिनी का बलिदान प्रदेश के मान-सम्मान और गौरव से जुड़ा हुआ है इसलिए रानी पद्मिनी हमारे लिए सिर्फ इतिहास का एक अध्याय भर नहीं बल्कि हमारा स्वाभिमान हैं. उनकी मर्यादा को हम ठेस नहीं पहुंचने देंगे.

करणी सेना ने दी धमकी, किसी भी हाल में पद्मावत रिलीज नहीं होने देंगे

राजस्थान में करणी सेना पद्मावत फिल्म के रिलीज को लेकर सरकार से आर या पार के मूड में है. राज्य में दो लोकसभा अजमेर और अलवर के साथ एक विधानसभा मांडलगढ़ में उप चुनाव होने हैं. ऐसे में राजपूत वोटों को ध्यान में रखते हुए BJP किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है.

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