पद्मावती की रिलीज डेट आगे बढ़ गई है और नई तारीख का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है. पहले खबरें आई थीं कि फिल्म अगले साल 12 जनवरी को रिलीज होगी, लेकिन सीबीएफसी की बात सुनकर यह लग रहा है कि फिल्म जनवरी में तो रिलीज नहीं हो सकती.
प्रसून ने कहा है कि फिल्म की वर्तमान स्थिती को देखते हुए फिल्म को सर्टिफिकेट देने में 68 दिन लग सकते हैं. उनका यह बयान उन मीडिया रिपोर्ट्स को कंफर्म करता दिख रहा है, जिसमें कहा गया था कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म के मेकर्स द्वारा सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया को जल्दी करने की अर्जी ठुकरा दी है.
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प्रसून ने सोमवार को IFFI में मीडिया से बात करते हुए यह कहा. उन्होंने फिल्म को सेंसर बोर्ड में सबमिट करने से पहले कुछ मीडियापर्सन्स को फिल्म दिखाने पर अपनी निराशा भी जाहिर की. उन्होंने कहा कि अगर लोग चाहते हैं कि सेंसर बोर्ड फिल्म पर कोई फैसला ले तो उन्हें बोर्ड को समय, स्वतंत्रता और मानसिक स्पेस देना होगा.
उन्होंने कहा- यह 68 दिन का समय ले सकता है क्योंकि इस पर फैसला लेने के लिए समितियां बनने में समय लगेगा. साधारण तौर पर फिल्म इससे कम समय लेते हैं, लेकिन इस फिल्म की स्थिती थोड़ी अलग है. अगर लोग सड़क पर विरोध कर रहे हैं तो क्या इसके लिए सीबीएफसी को दोषी ठहरना चाहिए? अगर मेकर्स फिल्म मीडिया को दिखा देते हैं तो क्या इसमें भी सीबीएफसी की गलती है? लेकिन आप चाहते हैं कि सीबीएफसी इस पर समझदारी से फैसला ले. लेकिन ये कैसे सही फैसला ले सकता है अगर आप उसे समय और स्वतंत्रता ही नहीं देंगे? मैं फिल्म इंडस्ट्री से ही हूं इसलिए मैं फिल्ममेकर्स को समझता हूं, मैं संजय लीला भंसाली को समझता हूं, लेकिन ये उनके बारे में नहीं है, यह फिल्म से घिरे विवाद के बारे में है.
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भंसाली और दीपिका पादुकोण को दी जा रही धमकियों की जोशी ने कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि फिल्म पर फैसला लेने से पहले वो सभी समुदायों को ध्यान में रखेंगे. यह समय विवादों का कम और सोचने का ज्यादा है और इसके लिए हमें धैर्य रखना होगा. यह स्थिति सीबीएफसी ने नहीं पैदा की है, लेकिन इससे समाधान की उम्मीद कर रहे हैं. जब आप ऐसी उम्मीद कर रहे हैं तो हमें पूरा समय भी दीजिए.