संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती पर जारी हंगामा अब खूनी हो चुका है. राजस्थान में किले से एक युवक की लाश लटकी मिली. किले की दीवार पर एक संदेश भी था. इसमें लिखा है - 'हम सिर्फ पुतले ही नहीं लटकाते पद्मावती. लोग पद्मावती का विरोध कर रहे हैं, हम खुद को खत्म कर रहे हैं.' बताते चलें कि पद्मावती का विरोध ब्रिटेन तक पहुंच चुका है.
ब्रिटेन में भंसाली की फिल्म को प्रदर्शन की अनुमति दे दी गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां के राजपूत संगठनों ने ब्रिटिश बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन के फैसले पर ऐतराज जताया है. उन्होंने कहा है कि पद्मावती में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ हेराफेरी की गई है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका की खारिज
दिल्ली हाई कोर्ट ने पद्मावती फिल्म पर बैन लगाने वाली याचिका खारिज की. हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह की याचिकाओं को लगाकर आप हिंसा को बढ़ावा दे रहे है.
पद्मावती को ब्रिटेन में 12A सर्टिफिकेट
ब्रिटिश बोर्ड ऑफ़ फिल्म क्लासिफिकेशन (BBFC) ने दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर स्टारर पद्मावती को एपिक ड्रामा कैटेगरी में 12A सर्टिफिकेट दिया है. इसके मुताबिक फिल्म को 12 साल या उससे अधिक उम्र के व्याक्तियों को दिखाई जा सकती है. BBFC के नोट के मुताबिक 164 मिनट लंबी 'पद्मावती' हिंदी भाषा की एपिक ड्रामा है. जिसमें एक सुल्तान राजपूत रानी को हासिल करने के लिए आक्रमण का नेतृत्व करता है.
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BBFC की ओर से ट्विटर पर शेयर की गई जानकारी की मानें तो फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज की जानी है. हालांकि पद्मावती के निर्माताओं में से एक वायकॉम 18 के सूत्रों ने दिसंबर में रिलीज से इनकार किया. सूत्रों ने आजतक को बताया कि हम भारतीय सेंसर बोर्ड के फैसले का इंतज़ार कर रहे हैं. भारत में फिल्म पास होने के बाद ही दूसरे देशों में रिलीज की जाएगी.
गुजरात ने की बैन की घोषणा
भारत में फिल्म को कोई सर्टिफिकेट नहीं मिला है, लेकिन लगातार बैन को लेकर घोषणाएं हो रही हैं. बुधवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इसके प्रदर्शन पर रोक लगाने की घोषणा की. उन्होंने कहा, फैसला क्षत्रीय और दूसरे संगठनों से बातचीत के बाद लिया गया है. तय हुआ है कि जब तक आपत्तियों का समाधान नहीं होगा, क़ानून-व्यवस्था को देखते हुए गुजरात में फिल्म रिलीज नहीं की जा सकती.
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उन्होंने कहा, इस फिल्म से माहौल बिगड़ सकता है. चुनाव के मद्देनजर किसी तरह की प्रतिक्रया में हिंसा से अशांति फ़ैल सकती है. गृह मंत्रालय की इस पर नजर है. रूपाणी ने कहा, 'मैं इस फिल्म को नहीं देखना चाहता. जिनकी भावनाएं आहत हुई हैं (फिल्म से) वो अपने मुद्दे लेकर मेरे साथ आए. चुनाव के बाद हम फिल्म की रिलीज के बारे में विचार करेंगे.'
बीजेपी सीएम खट्टर की राह अलग
उधर, पद्मावती पर जारी राजनीतिक घमासान के बीच बीजेपी के एक दूसरे सीएम मनोहरलाल खट्टर ने अलग राह पकड़ ली है. एक मामले में तो उनकी राय यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से ठीक उलट है. हरियाणा में फिल्म बैन करने की मांग पर कहा, 'सेंसर से क्लियरेंस से पहले किसी फिल्म को बैन करना ठीक नहीं होगा.' खट्टर ने सिर काटने पर इनाम की घोषणा करने वालों से जवाब मांगने की भी बात कही.
इन राज्यों में प्रदर्शन रोकने की हो चुकी है बात
यूपी में विवादित कंटेंट के साथ फिल्म रिलीज नहीं करने की बात सामने आ चुकी है. एमपी की शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान की वसुंधरा राजे की सरकार ने भी फिल्म का प्रदर्शन रोकने की बात कही है. पंजाब में कांग्रेस सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी विवादित कंटेंट पर आपत्ति जताई है.
भारत में 68 दिन से पहले नहीं होगी रिलीज
पद्मावती 1 दिसंबर को रिलीज की जानी थी पर कागजात में कमी की वजह से सेंसर ने निर्माताओं को फिल्म लौटा दी है. IFFI में प्रसून ने बताया कि फिल्म की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सर्टिफिकेट देने में 68 दिन लग सकते हैं.
उनका यह बयान आजतक की उन रिपोर्ट्स को कंफर्म करता दिखा जिसमें कहा गया था कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म के मेकर्स द्वारा सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया को जल्दी करने की अर्जी ठुकरा दी है. पहले इस फिल्म को 1 दिसंबर के दिन रिलीज किया जाना था.
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प्रसून ने फिल्म को सेंसर बोर्ड में सबमिट करने से पहले कुछ मीडियापर्सन्स को दिखाने पर अपनी निराशा भी जाहिर की. उन्होंने कहा, अगर लोग चाहते हैं कि सेंसर बोर्ड फिल्म पर कोई फैसला ले तो उन्हें बोर्ड को समय, स्वतंत्रता और मानसिक स्पेस देना होगा.