पद्मावती विवाद पर गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि इस पूरे मामले में भारत की छवि पर बट्टा लगा क्योंकि लोग अपने विचार व्यक्त नहीं कर पाए. जस्टिस धर्माधिकारी ने कहा- यहां स्थिती ऐसी है, जहां मुख्यमंत्री कह रहा है कि हम फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे. कल लोग मीटिंग नहीं बुला पाएंगे और ना ही अपने विचार व्यक्त कर पाएंगे.
कोर्ट ने कहा कि यह अलग तरह का सेंसरशिप है, जो देश की छवि को खराब कर रहा है. बेंच ने कहा- कौन से देश में कलाकारों और परफॉर्म करने वालों को धमकी दी जाती है? यह दुखद है कि एक शख्स एक फिल्म बनाता है, कई लोग उसमें काम करते हैं, लेकिन वो लगातार मिल रही धमकियों के कारण फिल्म रिलीज नहीं कर पाता. हम क्या बन गए हैं?
पद्मावती के विरोध पर शत्रुघ्न सिन्हा को करणी सेना ने किया सम्मानित
दीपिका पादुकोण को मिली धमकियों पर बेंच ने कहा- आज लोग कह रहे हैं कि अगर कोई एक्ट्रेस को मार देगा तो हम उसे ईनाम देंगे. लोग यह कहने में गर्व महसूस कर रहे हैं. इस देश में हम ऐसे स्थिती में आ गए हैं, जहां लोग अपनी बातें नहीं कह सकते.
केवल चुनाव की वजह से पद्मावती पर विवाद, रवीना बोलीं- सब ठीक हो जाएगा
जस्टिस धर्माधिकारी ने कहा- सबसे ज्यादा चिंताजनक लोकतांत्रिक देश के तौर पर भारत की छवि और प्रतिष्ठा है. हम सबसे बड़ा लोकतंत्र हैं. हम ऐसी घटनाओं पर गर्व महसूस नहीं कर सकते.
बेंच नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पंसारे के रिश्तेदारों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था. दाभोलकर की अगस्त 2013 में पुणे में और पंसारे की फरवरी 2015 में कोल्हापुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.