लगातार कई संगठनों के विरोध का सामना कर रही फिल्म पद्मावती के मेकर्स ने आखिरकार इस फिल्म की रिलीज को स्थिगत कर दिया है. वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 1 दिसंबर 2017 को रिलीज होने जा रही फिल्म पद्मावती को स्थगित किया गया है.
जानें क्या कहा गया है बयान में:
वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स की ओर से जारी इस बयान में कहा गया है, 'पद्मावती' को बनाने के पीछे जिस स्टूडियो ने काम किया है वह स्वेच्छा से 1 दिसंबर 2017 को होने वाली फिल्म रिलीज को स्थगित करता है. सबसे प्रतिभाशाली फिल्म निर्माताओं में एक संजय लीला भंसाली के साथ वायाकॉम 18 मोशन पिक्चर्स ने एक सुंदर सिनेमाई मास्टरपीस बनाई है 'पद्मावती'. जिसमें राजपूत वीरता, गरिमा और परंपरा को फिल्माया गया है. यह फिल्म एक ऐसी कहानी है जो सभी भारतीयों को गर्व से भर देगी और दुनिया भर में हमारे देश की कहानी को बयां करने के कौशल का प्रदर्शन करती है.'
हम एक जिम्मेदार, कानून-पालन करने वाले कॉर्पोरेट नागरिक हैं और अपने देश के कानून और संस्थानों जिनमें सेंसर बोर्ड भी शामिल है के लिए हमारे दिल में उच्चतम सम्मान है. हम हमेशा स्थापित प्रक्रिया और सम्मेलन का पालन करते रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमें विश्वास है कि हम जल्दी ही फिल्म को रिलीज करने के लिए अपेक्षित मंजूरी और जल्द बदली हुई रिलीज तारीख की घोषणा करेंगे.
क्या प्रसून जोशी के एतराज के बाद लिया गया फैसला
प्रसून जोशी ने प्राइवेट स्क्रीनिंग को लेकर इंडिया टुडे से कहा था, 'सेंसर बोर्ड ने अभी तक फिल्म देखी भी नहीं है और ना ही फिल्म को प्रमाणित किया गया है. ऐसे में मेकर्स द्वारा प्राइवेट स्क्रीनिंग करना और नेशनल चैनलों पर फिल्म की समीक्षा करना बेहद निराशाजनक है. ये सिस्टम की प्रक्रिया के खिलाफ समझौते जैसा है. एक तरफ फिल्म की रिलीज प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सेंसर बोर्ड पर दवाब डाला जा रहा है और दूसरी तरफ सेंसर के प्रोसेस को ही नष्ट करने का प्रयास हो रहा है.' प्रसून जोशी ने कहा, 'यह एक अवसरवादी उदाहरण पेश करने जैसा है.' अब फिल्म को स्थगित किए जाने के बाद ये सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या सेंसर बोर्ड के एतराज के बाद ही मेकर्स ने फिल्म को स्थगित करने का फैसला किया है?
पद्मावती को लेकर चल रहे विवाद बढ़ता ही जा रहा है. उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रासद मौर्य ने कहा है कि जब तक फिल्म से विवादित अंश नहीं हटाए जाएंगे, तब तक फिल्म उत्तर प्रदेश में रिलीज नहीं होगी.
इसके पहले शनिवार को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा ने सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिख कहा है कि फिल्म में जब तक जरूरी बदलाव ना हो, तब तक इसे रिलीज ना किया जाए. उन्होंने कहा है कि फेमस इतिहासकारों, फिल्म पर्सनैलिटीज के सदस्यों की एक समिती को फिल्म की कहानी पर विस्तार से चर्चा करना चाहिए.
क्या झूठ बोल रहे हैं पद्मावती के निर्माता? सेंसर ने वापस कर दी है फिल्म
राजे ने सेंसर बोर्ड को सर्टिफिकेट देने से पहले सभी परिणामों के बारे में सोच लेने के लिए कहा है. इंदौर में केंद्रीय मंत्री थंवर सिंह गहलोत ने सेंसर बोर्ड को फिल्म से आपत्तिजनक सीन्स हटाने के लिए कहा है.
राजे ने चिट्ठी में लिखा है कि फिल्ममेकर्स के पास अपनी सूझ-बूझ के हिसाब से फिल्में बनाने का अधिकार है, लेकिन संविधान में यह भी कहा गया है कि कानून- व्यवस्था और नागरिकों की भावनाओं की रक्षा के लिए मौलिक अधिकारों को कंट्रोल करना होगा. इसलिए फिल्म की रिलीज पर दोबारा सोचना चाहिए.
जब चिट्ठी लिखने की बात सामने आई तब एक मेवाड़ प्रतिनिधि मंडल ने राजे से मुलाकात की. दो दिन पहले उत्तर प्रदश सरकार ने स्मृति ईरानी को फिल्म की रिलीज को टालने के लिए कहा था. उनका कहना है कि स्क्रिप्ट और तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए ऐतिहासिक तथ्यों पर लोगों का गुस्सा फूट सकता है और इससे न्याय-व्यवस्था पर असर पड़ सकता है.ॉ
क्या टल गई पद्मावती की रिलीज? जीत करणी सेना की नहीं, फायदे में सिर्फ भंसाली
फिल्म के समर्थन में आईं शबाना आजमी:
हालांकि एक्ट्रेस शबाना आजमी फिल्म के समर्थन में नजर आईं. उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा- पूरी फिल्म इंडस्ट्री को पद्मावती को मिल रही धमकियों के विरोध में IFFI का बहिष्कार करना चाहिए.
The entire film industry should boycott IFFI in protest against the threats to @deepikapadukone SLB and #Padmavati https://t.co/VckVB5yRJp
— Azmi Shabana (@AzmiShabana) November 18, 2017
एक और ट्वीट में वो सेंसर बोर्ड पर जमकर बरसीं. उन्होंने कहा- सीबीएफसी को भेजे गए पद्मावती के आवेदन को अधूरा कहकर लौटा दिया गया है. सच में? या चुनावी लाभ के लिए आग भड़काए रखने के लिए?
#Padmavatis application to CBFC has been sent back bcoz of incomplete formalities! Really? Or to keep fires stoked for electoral gains?
— Azmi Shabana (@AzmiShabana) November 17, 2017
एक और ट्वीट में उन्होंने कहा- सत्ता में बैठी सरकार के तहत सबकी दुकान चल रही है. फिल्म इंडस्ट्री को पद्मावती के साथ खड़ा होना चाहिए.
Sabki dukaan chal rahi hai under the patronage not of the fringe but of the Govt in power. Filmindustry must stand as 1 with #Padmavati
— Azmi Shabana (@AzmiShabana) November 17, 2017
फिल्म की रिलीज डेट को लेकर असमंजस
संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती की प्रस्तावित रिलीज डेट को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. शुक्रवार को इंडिया टुडे को सूत्रों ने बताया कि फिल्म 12 जनवरी के दिन रिलीज होगी. पहले इसे 1 दिसंबर को रिलीज किया जाना था. हालांकि पद्मावती के मेकर्स ने डेट आगे बढ़ने की खबरों से इनकार किया है. फिल्म के निर्माताओं में से एक Viacom18 के सीओओ अजीत अंधारे ने पद्मावती की रिलीज टेड आगे खिसकने की खबरों को आधारहीन कहा.
केवल विरोध ही नहीं, इन वजहों से भी टल सकती है पद्मावती की रिलीज?
डॉक्युमेंट में खामियां
वैसे फिल्म के निर्माताओं की ओर से सेंसर बोर्ड को जो डॉक्युमेंट भेजे गए थे उसमें कई तरह की खामियां हैं. मेकर्स की ओर से पहले 1 दिसंबर को देशभर में फिल्म की रिलीज प्रस्तावित है. सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि मेकर्स की ओर से 17 नवंबर सेंसर बोर्ड को कॉपी सौंपी गई है. इंडिया टुडे को सूत्रों ने बताया, 'पद्मावती मेकर्स की ओर से सेंसर को जो ओरिजिनल डॉक्युमेंट भेजे गए हैं वो अधूरे हैं. फिल्म की शुरुआत में भी अपेक्षित डिस्क्लेमर नहीं है. डॉक्यूमेंटेशन में कमी की वजह से फिल्म के प्रमाणन में देरी हो रही है.'
फिल्म के टलने की ये हो सकती हैं 2 बड़ी वजहें
#1. क्या है सेंसर बोर्ड का नियम : दरअसल, नियमों के मुताबिक किसी फिल्म को सर्टिफिकेशन के लिए रिलीज से 15 दिन पहले सेंसर के पास भेजना होता है. फिल्म की पहली कॉपी का काम पूरा नहीं हुआ था. इस वजह से इसे सेंसर के पास नहीं भेजा गया था. फिल्म 17 नवंबर को ही सेंसर के पास भेजी गई है. प्रस्तावित तारीख 1 दिसंबर पर रिलीज के लिए बोर्ड के पास फिल्म भेजने की तारीख ख़त्म हो चुकी है.सेंसर ने नियम का पालन किया तो 1 दिसंबर को फिल्म की रिलीज पर संकट है.
#2. फिल्म पर जारी विवाद : हालांकि यह साफ नहीं है लेकिन फिल्म पर जारी विवाद भी रिलीज डेट की टलने की एक वजह बन सकते हैं. फिल्म पर करणी सेना और कांग्रेस-बीजेपी जैसे राजनीतिक दलों ने आपत्ति जाहिर की है. गुजरात में विधानसभा चुनाव और यूपी में निकाय चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने इसे टालने की मांग की गई थी. बीजेपी ने निर्वाचन आयोग को चिट्ठी लिखकर डेट बढ़ाने की मांग की थी. सेंसर का मामला बताते हुए आयोग ने इसे अस्वीकार कर दिया था.
रिलीज डेट खिसकी तो आगे क्या ?
#1. फिल्म को लेकर जारी गतिरोध कुछ दिनों के लिए कम होगा. अगर फिल्म गुजरात और यूपी के निकाय चुनाव के बाद रिलीज होती हैं तो संभवत: राजनीतिक दलों के विरोध का सामना न करना पड़े.
#2. करणी सेना और दूसरे राजपूत संगठनों के नेतृत्व में जारी आंदोलन कमजोर पड़ेगा. चूंकि फिल्म की रिलीज तारीख टल रही है शायद जनवरी में में इसकी रिलीज शांति से हो सके.
क्या सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है
उधर, सूत्रों ने इंडिया टुडे से यह साफ़ किया कि पद्मावती को लेकर सीबीएफसी के कामकाज में सरकार की ओर से किसी तरह का दखल नहीं है. फिल्म के बार में कोई फैसला लेने के लिए सेंसर बोर्ड स्वतंत्र है. सेंसर की कार्यप्रणाली में सरकारी हस्तक्षेप नहीं है.
सेंसर चीफ ने नहीं देखी है फिल्म
सेंसर बोर्ड चीफ प्रसून जोशी ने इंडिया टुडे को बताया कि उन्होंने अभी तक पद्मावती नहीं देखी है. इस तरह की खबरें झूठ हैं, जिनमें एक प्राइवेट स्क्रीनिंग में फिल्म देखने की बात कही जा रही है. सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी के नजदीकी सूत्रों ने भी कहा, केंद्रीय मंत्री ने भी ऐसे किसी स्क्रीनिंग इवेंट में फिल्म नहीं देखी है. ऐसी चर्चाएं निराधार हैं.
रिलीज से पहले करणी सेना को दिखाना चाहते हैं फिल्म
सेंसर बोर्ड सूत्रों ने यह भी बताया कि मेकर्स ने करणी सेना को रिलीज से पहले फिल्म दिखाने के लिए सेंसर बोर्ड से अनुमति मांगी है. इसके लिए सेंसर बोर्ड को पद्मावती के निर्माताओं की ओर से स्पेशल स्क्रीनिंग के किए चिट्ठी लिखी गई है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक़ पद्मावती में अभिनय करने वाले सितारों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जा रही है. पूरे देश में हो रहे विरोध प्रदर्शन से उत्पन्न कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सरकार की नजर है.