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पंकज त्रिपाठी को म‍िली हॉलीवुड फ‍िल्म, जानें कैसा होगा क‍िरदार

Pankaj Tripathi grabs his first Hollywood film पंकज त्र‍िपाठी हॉलीवुड फिल्म 'ढाका' में नजर आएंगे. इस फिल्म में पंकज के साथ फिल्म 'एवेंजर्स' फेम क्रिस हेम्सवर्थ भी नज़र आएंगे.

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पंकज त्रिपाठी फोटो इंस्टाग्राम
पंकज त्रिपाठी फोटो इंस्टाग्राम

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वेब सीरीज़ मिर्जापुर में कालीन भैया के रोल से लोकप्रिय हुए पंकज त्रिपाठी जबरदस्त चर्चा में बने हुए हैं. हाल ही में ये घोषणा हुई थी कि पंकज रणवीर सिंह की फिल्म '83' में मैनेजर मान सिंह का रोल निभाने वाले हैं और अब खबर है कि वे हॉलीवुड फिल्मों में भी अपनी एक्टिंग की पारी खेलने जा रहे हैं. पंकज हॉलीवुड फिल्म ढाका में नजर आएंगे. इस फिल्म में पंकज के साथ एवेंजर्स के लोकप्रिय सितारे क्रिस हेम्सवर्थ भी नज़र आएंगे.

पिछले साल नवंबर में क्रिस ने इस फिल्म की शूटिंग शुरु की थी. इस फिल्म की शूटिंग के महत्वपूर्ण हिस्से मुंबई और अहमदाबाद में शूट हुए हैं. पंकज फिल्म की कास्ट को थाइलैंड में जॉइन करेंगे. सैम हारग्रेव द्वारा निर्देशित इस फिल्म में पंकज का किरदार भी काफी महत्वपूर्ण है. इस फिल्म में पंकज के अलावा रणदीप हुड्डा, मनोज वाजपेयी, डेविड हार्बर और गुलशिफ्ते फरहानी जैसे सितारे नज़र आएंगे.

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'बिहार सम्मान' से पुरस्कृत होकर अभीभूत हूँ। ये पुरस्कार उन समस्त ग्रामीण युवाओं को समर्पित है जो संसाधनों के कमी के बावजूद आसमां छूने के ख्वाब देखते है। मेरी जन्मभूमि बिहार के लोकप्रिय उपमुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी जी और मेरी कर्मभूमि महाराष्ट्र के युवा हृदय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी का हृदय से धन्यवाद। Pankaj Tripathi Devendra Fadnavis Sushil Kumar Modi

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अवार्ड कभी किसी व्यक्ति विशेष का नही होता। मेरा अवार्ड सिर्फ मेरा नही है। ये अवार्ड है आप सभी का, मुझपे विश्वास करने वाले निर्माता, निर्देशकों का, मेरे साथी कलाकारों का, मेरी आत्मविश्वास मेरी पत्नी, बच्चे मेरे माता-पिता का। इतने प्रतिष्ठित अवार्ड और आपके अथाह प्यार के लिए शुक्रिया।

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ज़िन्दगी में दो रास्ते होते है। एक बहती धारा के साथ बहना और दूसरा धाराओं के साथ पंगा लेना और अपने रास्ते खुद बनाना। गैंग्स ऑफ वासेपुर के बाद मुझे बहुत ऑफर आए। उन सभी फिल्मों में मेरे हाथ मे बंदूक ही होते। लेकिन अश्विनी अय्यर जी ने मुझे पंगा लेने वाला रास्ता दिखाया। बंदूक के ठीक बाद मेरे हाथ मे चोक और डस्टर था। फ़िल्म थी नील बट्टे सन्नाटा। एक कलाकार के तौर पर अलग अलग चरित्र पर काम करना चुनौती के साथ रोमांचक भी होता है। ये मेरे लिए कलाकार के तौर पर नए रास्ते खोलने वाला था। ये पंगा था। बंदूक वाले सुल्तान कुरैशी के इमेज से पंगा। अश्विनी के साथ मिलकर हमने अगला पंगा लिया एक खुले पंख वाली बेटी के पिता के रूप में। बिट्टी के पिता नरोत्तम मिश्रा के रूप में। इस बार पंगा था एक रूढ़िवादी समाज के खिलाफ। हँसते, हंसाते बेटियों के परों को खोलना सीखाती थी ये फ़िल्म। बरेली की बर्फी थी ये। अश्विनी के साथ काम करना हमेशा से एक कलाकार के तौर पर नई उम्मीदों, नए दरवाजों को खोलने जैसा है। आप स्वयं को और बेहतर तौर पे एक्सप्लोर करते हो। आप खुद से और खुद के बनाए सीमाओं से लेते हो पंगा। उनके हर फिल्म में काम करना मेरे लिए मेरा खुद से किया हुआ एक अदृश्य करार है। और मेरा हमेशा से मानना रहा है कि जब आप एक परिवार की तरह होते हैं तो हर काम संतुष्टि देता है। और जब आपका परिवार आपके साथ होता है तो जी ज़िंदगी से पंगा लेना आसान हो जाता है। इस बार हम ले रहे हैं पंगा सीधा पंगा से। हमारी अगली फिल्म 'पंगा' के रूप में। शुभकामनाएं पूरी 'पंगा' टीम को।

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ज़िन्दगी में दो रास्ते होते है। एक बहती धारा के साथ बहना और दूसरा धाराओं के साथ पंगा लेना और अपने रास्ते खुद बनाना। गैंग्स ऑफ वासेपुर के बाद मुझे बहुत ऑफर आए। उन सभी फिल्मों में मेरे हाथ मे बंदूक ही होते। लेकिन अश्विनी अय्यर जी ने मुझे पंगा लेने वाला रास्ता दिखाया। बंदूक के ठीक बाद मेरे हाथ मे चोक और डस्टर था। फ़िल्म थी नील बट्टे सन्नाटा। एक कलाकार के तौर पर अलग अलग चरित्र पर काम करना चुनौती के साथ रोमांचक भी होता है। ये मेरे लिए कलाकार के तौर पर नए रास्ते खोलने वाला था। ये पंगा था। बंदूक वाले सुल्तान कुरैशी के इमेज से पंगा। अश्विनी के साथ मिलकर हमने अगला पंगा लिया एक खुले पंख वाली बेटी के पिता के रूप में। बिट्टी के पिता नरोत्तम मिश्रा के रूप में। इस बार पंगा था एक रूढ़िवादी समाज के खिलाफ। हँसते, हंसाते बेटियों के परों को खोलना सीखाती थी ये फ़िल्म। बरेली की बर्फी थी ये। अश्विनी के साथ काम करना हमेशा से एक कलाकार के तौर पर नई उम्मीदों, नए दरवाजों को खोलने जैसा है। आप स्वयं को और बेहतर तौर पे एक्सप्लोर करते हो। आप खुद से और खुद के बनाए सीमाओं से लेते हो पंगा। उनके हर फिल्म में काम करना मेरे लिए मेरा खुद से किया हुआ एक अदृश्य करार है। और मेरा हमेशा से मानना रहा है कि जब आप एक परिवार की तरह होते हैं तो हर काम संतुष्टि देता है। और जब आपका परिवार आपके साथ होता है तो जी ज़िंदगी से पंगा लेना आसान हो जाता है। इस बार हम ले रहे हैं पंगा सीधा पंगा से। हमारी अगली फिल्म 'पंगा' के रूप में। शुभकामनाएं पूरी 'पंगा' टीम को।

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इससे पहले पंकज ने कबीर खान की फिल्म '83' का हिस्सा होने पर खुशी जताई थी. पंकज ने कहा था, 'कबीर मेरे पसंदीदा निर्देशकों में से एक हैं. हमारी एक-दो बार मुलाकात हो चुकी है लेकिन उनके साथ काम करने का मौका नहीं मिल पाया है. एक दिन उन्होंने मुझे बुलाया और 83 की कहानी सुनाई और फिल्म के कुछ हिस्सों में मैं काफी इमोशनल हो गया था.'

पंकज ने ये भी कहा था कि वे इस रोल के लिए पूर्व टीम मैनेजर मान सिंह से भी बात करेंगे. पंकज ने बताया, 'मैं अपने दौर में ठीक-ठाक गेंदबाज और फील्डर था. हालांकि इस फिल्म के साथ ही मैं अपनी बैटिंग स्किल्स भी दुरुस्त करने की कोशिश करुंगा. फिलहाल के लिए मुझे कुछ किताबें और डॉक्यूमेंट्स पढ़ने को दिए गए हैं.'

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