हिट वेब सीरीज मिर्जापुर में दमदार रोल निभाने वाले पंकज त्रिपाठी इन दिनों फिल्म कागज की शूटिंग में व्यस्त हैं. हाल ही में उन्होंने अपने सफर पर एक इंटरव्यू के दौरान बातचीत की. उत्तर प्रदेश के एक छोटे-से शहर में इन दिनों फिल्म की शूटिंग कर रहे अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया है. फिल्म-उद्योग में पहचान बनाने में एक दशक से अधिक का वक्त लग गया.
क्या है कागज की कहानी
'कागज' बिहार के एक छोटे-से कस्बे के किसान भरत लाल के असल जीवन की कहानी है. उसे लाल बिहारी के नाम से भी लोग जानते हैं. उसे अपनी पहचान बनाने और अपनी जमीन व संपत्ति को कानूनी रूप से हासिल करने में 18 वर्ष लग गए.
पंकज ने कहा, "फिल्म की पटकथा पढ़ने के बाद बिना संकोच के भरत लाल की भूमिका के लिए तैयार हो गया. पटकथा पढ़ते हुए मैं सहजता से उनकी कठिनाइयों और आघात से जुड़ गया, जिसे भरत लाल ने 18 साल तक झेले होंगे. भरत लाल की तरह, मैंने भी बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने के लिए 14 साल संघर्ष किए." पकंज त्रिपाठी ने पिछले दिनों बताया था कि इस रोल को जीवंत दिखाने के लिए मैंने अपना वजन भी कम किया है.
पटना के किसान परिवार से आए पंकज एक किसान के लिए जमीन के महत्व को बखूबी समझते हैं. उन्होंने बताया कि अभिनय से पहले वह खेती के काम में अपने पिता का हाथ बंटाते थे. सतीश कौशक द्वारा निर्देशित 'कागज' की अन्य जानकारियों का खुलासा होना बाकी है.