scorecardresearch
 

ऑस्कर की रेस में शामिल है ये भारतीय फ‍िल्म, जानें क्या खास

The Oscars 2019 ऑस्कर अवॉर्ड 91वें संस्करण का आयोजन 24 फरवरी को होने जा रहा है. इस बार दुन‍िया भर की चुन‍िंदा फिल्में अवॉर्ड जीतने की रेस में हैं. लेकिन इन फिल्मों में एक फिल्म के साथ ह‍िंदुस्तान का खास कनेक्शन है.

Advertisement
X
‘पीरियड इंड ऑफ सेन्टेंस’ PHOTO: इंस्टाग्राम
‘पीरियड इंड ऑफ सेन्टेंस’ PHOTO: इंस्टाग्राम

Advertisement

The Oscars 2019 ऑस्कर अवॉर्ड के 91वें संस्करण का आयोजन 24 फरवरी को होने जा रहा है. इस बार दुन‍ियाभर की चुन‍िंदा फिल्में अवॉर्ड जीतने की रेस में हैं. लेकिन इनमें एक फिल्म के साथ ह‍िंदुस्तान का खास कनेक्शन है. ये फिल्म है ‘पीरियड इंड ऑफ सेन्टेंस’. इस फिल्म को 91वें अकादमी अवार्ड्स के लिए ‘डॉक्यूमेंटरी शॉर्ट सब्जेक्ट' कैटेगरी में नॉमिनेशन हासिल हुआ है. इस फिल्म की डायरेक्टर रायका जेहताबची हैं और इसे गुनीत मोंगा के सिख्या एंटरटेंनमेंट ने प्रोड्यूस किया है.

क्यों खास है फिल्म

26 मिनट की इस फिल्म में उत्तर भारत के हापुड़ के पास काथीखेड़ा गांव में कुछ महिलाओं के एक समूह और उनके अनुभवों पर आधारित है. फिल्म में मह‍िलाएं पैडमैन के नाम से मशहूर अरुणाचलम मुरुगंथम द्वारा बनाई गई लो-कॉस्ट मशीन से सैनिटरी नैपकिन बनाती हैं. फिल्म में मह‍िलाओं के इन्हीं अनुभवों को द‍िखाया गया है. फिल्म का ट्रेलर साल 2018 में र‍िलीज किया गया था.

Advertisement

फ‍िल्म की कहानी

फिल्म के ट्रेलर को देखें तो शुरुआत होती है इस सवाल से कि पीर‍ियड्स क्या है. स्कूल के बच्चे सवाल सुनकर कहते हैं, स्कूली की घंटी बजती है, उसे पीरियड कहते हैं. वहीं गांव की मह‍िलाएं सवाल सुनकर शरमा जाती हैं. पूरी फिल्म की कहानी हापुड़ जिले के गांव काठी खेड़ा की एक लड़की स्नेहा पर बनी है. यह वही लड़की है जो अपनी सहेल‍ियों संग मिलकर सेनेटरी पैड बनाती है. यह पैड गांव की महिलाओं के साथ नारी सशक्तीकरण के लिए काम कर रही संस्था एक्शन इंडिया को भी सप्लाई किया जाता है.

View this post on Instagram

And we are live on NETFLIX ! Our Oscar nominated short documentary! Do watch and follow us on @thepadproject ❣️ @actionindia76

A post shared by Guneet Monga (@guneetmonga) on

कौन है स्नेहा

स्नेहा एक किसान राजेंद्र की बेटी है, उसकी उम्र महज 22 वर्ष है. बचपन से उसका सपना पुल‍िस में भर्ती होने का था. लेकिन असल ज‍िंदगी में वो कभी हापुड़ के बाहर भी नहीं गई. एंटरटेनमेंट पोर्टल को द‍िए इंटरव्यू के मुताब‍िक स्नेहा के ल‍िए उसकी पूरी दुन‍िया उसका पर‍िवार है. स्नेहा ने बताया कि उसकी भाभी जोजो 'एक्शन इंडिया' संस्था के लिए काम करती थीं. उन्होंने उसे संस्था के बारे में बताया था. मुझे लगा संस्था में काम करके मैं अपनी कोच‍िंग के पैसे जुटा सकूंगी.इस बारे में जब मां उर्मिला से बात की तो उन्होंने हामी भर दी. लेकिन प‍िता को यही बताया कि एक संस्था बच्चों के डायपर बनाती है, वहां काम करना है.

Advertisement

स्नेहा ने इंटरव्यू में बताया, एक दिन संस्था की ओर से हापुड़ जिले में कॉडिनेटर का काम देखने वाली शबाना के साथ कुछ विदेशी लोग आए. उन्होंने बताया कि महिलाओं के पीरियड के विषय को लेकर एक फिल्म बनानी है. मैंने साहस जुटाया और सोचा कि अगर मैं शरमाने लगी तो फिल्म में काम कैसे करूंगी. मैंने फिल्म में काम किया, शूट‍िंग के तकरीबन एक साल बाद पता चला फिल्म ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुई है.

Advertisement
Advertisement