रणबीर कपूर 29 जून को रिलीज होने जा रही अपनी मच अवेटेड फिल्म संजू के प्रमोशन में जुट गए हैं. अपने व्यस्त शेड्यूल से रणबीर ने समय निकाल कर संजय दत्त से मिलने का प्लान बनाया. इसके बाद रियल और रील संजू दोनों मिलकर ऋषि कपूर को सरप्राइज देने पहुंचे.
ऋषि कपूर और नीतू कपूर ने सोशल मीडिया पर इस खास मुलाकात की तस्वीर पोस्ट की है. इस तस्वीर में संजय दत्त ऋषि कपूर और रणबीर कपूर को गले लगाते नजर आ रहे हैं. नीतू ने इस तस्वीर पर खूबसूरत कैप्शन दिया- रियल और रील संजू के सरप्राइज विजिट ने शाम को स्पेशल बना दिया.
Surprise visit by real n reel #sanju made the evening so special ❤️
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जब संजय दत्त की वजह से स्टेज पर गाते हुए रुक गई थीं लता मंगेशकर!
संजू फिल्म के फीवर के बीच इस तिकड़ी को देखना फैन्स के लिए ट्रीट से कम नहीं. ये तस्वीर इस लिए भी खास है क्योंकि एक दौर था जब संजय दत्त और ऋषि कपूर में अनबन की चर्चा ने सुर्खियां बटोरी थीं. एक वक्त ऐसा भी था जब संजय दत्त ऋषि कपूर की पिटाई करने का प्लान बनाने लगे थे. इसकी वजह थीं संजय दत्त की टीना मुनीम से बेपनाह मोहब्बत.
क्या था वो किस्सा:
A lazy afternoon with Kapoor and Dutt #throwback #memories #friendship 😎
टीना संजय दत्त की बचपन की दोस्त थीं और 1981 में आई एक फिल्म में उनके साथ काम कर चुकी थीं. संजू बाबा को कुछ वजहों से ऐसा शक हुआ कि ऋषि कपूर (जो कि उस वक्त अविवाहित थे) का उनकी गर्लफ्रेंड टीना से अफेयर चल रहा है. यह सुनते ही संजू का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया और वह अपने दोस्त गुलशन ग्रोवर के साथ मिलकर ऋषि कपूर को पीटने का प्लान बनाने लगे.
जब ऋषि कपूर ने संजय दत्त से कहा- मेरे बेटे को बिगाड़ना बंद करो
संजू और गुलशन पूरी तैयारी के साथ ऋषि कपूर के घर पहुंचे. यहां पर उन्हें ऋषि कपूर की मंगेतर नीतू सिंह मिलीं. नीतू ने जब संजय दत्त और गुलशन को समझाया कि ऋषि कपूर का टीना के साथ कोई अफेयर नहीं है तब जाकर संजय दत्त को बात समझ में आई और उन्होंने ऋषि कपूर को पीटने का प्लान रद्द कर दिया.
एक बार एशियन टाइम्स से बातचीत में गुलशन ग्रोवर ने यह बात बताई थी. उन्होंने कहा, "संजय और मैं भाई की तरह थे. एक दिन उसने मुझे बताया- "हमें चिंटू (ऋषि कपूर का निकनेम) को पीटने के लिए उसके घर चलना होगा. हम उनके घर गए भी थे लेकिन उनकी मंगेतर नीतूजी हमें यह समझा पाने में कामयाब रहीं कि ऋषि कपूर का कोई अफेयर नहीं था और हम चले आए." इस वाकये का जिक्र ऋषि कपूर ने अपनी आत्मकथा खुल्लम खुल्ला में भी किया है.