एकता कपूर की खोज, जिसने अपने शर्मीलेपन से टेलीविजन की दुनिया के सितारों को छुआ. जब फिल्मों में काम करने की बारी आई, तो प्राची देसाई ने ठोक-बजाकर कहा कि वे कभी अपनी सीमाओं को पार नहीं करेंगी. उनका मतलब था कि घरेलू लड़की की अपनी छवि को कभी चोट नहीं पहुंचाएंगी. दो-तीन फिल्मों में काम करने के बाद भी उनका जब कोई भला नहीं हुआ, तो उनके शब्द भी बदलते चले गए और तेवर भी. अपनी बॉस (एकता कपूर) की फिल्म वन्स अपॉन ए टाइम के लिए उन्होंने एक तरह से मेक ओवर करने से भी परहेज नहीं किया. यह फिल्म पहले तो इस बात का झटका है कि उनके हीरो इमरान हाशमी हैं, जिनको प्राची बहुत भोला और प्यारा-प्यारा मानती हैं.
इमरान हैं तो फिल्म में किस सीन तो होंगे ही, जिन सीनों को प्राची बहुत सहजता से नॉर्मल सीन मान लेती हैं और इनमें कुछ बुराई नहीं देखतीं. इमेज को लेकर उनका जवाब सचमुच लाजवाब करने वाला था-इमेज कुछ नहीं होती. फिल्म की स्टोरी की जरूरत सब कुछ होती है. टीवी वाले क्या सोचेंगे? इसका जवाब भी सामने आ गया- वे क्या सोचेंगे, यह सोचना मेरा काम नहीं है. फिल्म का परदे पर और बॉक्स ऑफिस पर भले ही कुछ भी हो, मगर एक बात तो तय है कि प्राची का सचमुच मेकओवर हो गया है.