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नशे की लत बनी मेरी असफलता की वजह, हाथ से गए कई प्रोजेक्ट: प्रतीक

प्रतीक बब्बर, अभिनेता राज बब्बर और दिवंगत अभिनेत्री स्मिता पाटिल के बेटे हैं. करीब 10 साल पहले उनके एक्टिंग करियर की शुरुआत हुई थी. अपने जीवन और करियर को लेकर एक इंटरव्यू में उन्होंने कई खुलासे किए हैं.

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 प्रतीक बब्बर
प्रतीक बब्बर

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साल 2008 में आई फिल्म 'जाने तू..या जाने ना' से बॉलीवुड में शानदार शुरुआत करने वाले प्रतीक बब्बर का कहना है कि वह कई फिल्मों में मुख्य भूमिका अदा कर सकते थे. लेकिन वह बॉलीवुड में अपने धीमे सफर के लिए नशे की लत को जिम्मेदार ठहराते हैं एक इंटरव्यू में प्रतीक ने अपने कृत्यों की पूरी जिम्मेदारी ली.

उन्होंने फिल्म समीक्षकों द्वारा सराही गई 'धोबी घाट' में भी काम किया था. अभिनेता से राजनेता बने राज बब्बर और दिवंगत अभिनेत्री स्मिता पाटिल के बेटे ने नशे की लत से लड़ाई की है. वह तीन साल तक बड़े पर्दे से दूर रहे. उन्होंने 2018 में 'बागी-2' से प्रभावकारी वापसी की.इस फिल्म में उन्होंने नकारात्मक भूमिका की थी.

जब प्रतीक से पूछा गया कि क्या वह अपने धीमे करियर के लिए नशे को जिम्मेदार ठहराते हैं? प्रतीक का जवाब था- "जी हां, मैं अपने कृत्यों की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं और खुद को व दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों दोनों को साथ में जिम्मेदार ठहराता हूं." 31 वर्षीय अभिनेता ने फिल्म जगत में एक दशक पूरा कर लिया है. अपने इस सफ़र को उन्होंने उतार-चढ़ाव भरा करार दिया.

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उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि इस उद्योग में मेरे सफर के 10 साल काफी उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं. मुझे किसी चीज का पछतावा नहीं है. सिवाय एक के कि मेरे दादा-दादी मेरी जिंदगी के इस पड़ाव में अच्छी चीजों को देखने के लिए यहां नहीं हैं. मुझे लगता है कि पछतावा सिर्फ भार है और उससे केवल निराशा ही मिलती है." एक दीवाना था के अभिनेता की हालिया फिल्म 'मुल्क' को समीक्षकों और दर्शकों से काफी सराहना मिली है. प्रतीक अब बड़े पर्दे पर और अधिक प्रभावशाली किरदार निभाने की ओर बढ़ रहे हैं.

उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि कंटेंट आधारित प्रभावशाली किरदार निभाना चुनौतीपूर्ण है. लेकिन यह प्रतिष्ठित किरदार भी होते हैं और मुझे लगता है कि मैं इसके लिए इच्छुक हूं. मैं ऐसे किरदारों की उम्मीद कर रहा हूं."

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