एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा इन दिनों फिल्म 'दिल धड़कने दो' के प्रमोशन के साथ-साथ बाजीराव मस्तानी की शूटिंग में भी व्यस्त हैं.प्रियंका दिल धड़कने दो में अहम किरदार अदा कर रही हैं. जोया अख्तर के निर्देशन में बनी यह मल्टीस्टारर फिल्म 5 जून को रिलीज होने जा रही है. इस फिल्म के बारे में प्रियंका चोपड़ा से हुई खास बातचीत के पेश हैं कुछ अंश:
मल्टीस्टारर फिल्म 'दिल धड़कने दो' करने की वजह क्या थी?
मुझे लगता है की ये शानदार स्क्रिप्ट थी. हर इंसान इस कहानी से खुद को जोड़ कर देख सकता है. कभी ना कभी हमने अपने
परिवारों में जरूर सुना है कि ऐसा करोगे तो सोसाइटी वाले क्या कहेंगे. तो ये कहानी मनोरंजन के साथ वैसी ही है.
क्या आपके परिवार में भी ऐसा है की 'लोग क्या कहेंगे'?
जब मैं 17 साल की थी तो मम्मी ने बिना किसी को बताए ही मेरी फोटो मिस इंडिया के लिए भेजी थी. पापा को भी नहीं बताया
था और जब जीत गई तो पूरे परिवार वाले चाचा, बड़े पापा, सबकी बातें भी सुनने को मिली तो ऐसा हमारी फैमिली में भी होता है की
'लोग क्या कहेंगे'.
आपका दिल किसके लिए धड़कता है ?
मेरा दिल हर रिश्ते में धड़कता है, चाहे फिल्म में राहुल बोस (पति) फरहान अख्तर (मेरे दोस्त) रणवीर सिंह (भाई) या मेरे डैड
(अनिल कपूर) हो. ये 10 दिन की जो कहानी है फिल्म की उसमें बहुत सारे रिश्तों के मुद्दे खड़े होते हैं. तो मेरा दिल इन सबके लिए
धड़कता है.
क्या फिल्म में अनिल कपूर टिपिकल फादर हैं जो अपने उसूलों और नियमों पर चलते हैं?
जी बिल्कुल, वैसा ही किरदार उन्होंने प्ले किया है जिनका मेरी मां (शेफाली शाह) के साथ भी रिश्ता बस ऊपर-ऊपर का है और
सबसे बड़ा मुद्दा है 'सोसाइटी क्या कहेगी'.
फिल्म में तो सभी आपको अपनी बात मनवाने की कोशिश में नजर आ रहे हैं लेकिन असल जिंदगी में आप कितनी बागी हैं?
मैं अनावश्यक बागी नहीं हूं, मैं हमेशा बहाव के विपरीत जाती हूं, कुछ सही लगता है तो उस दिशा में ही जाने की कोशिश करती
हूं और ऐसा ही बढ़ावा दिया है मेरे घर वालों ने की जो सही लगता है वो करो और अगर कुछ गलत हो जाए तो उसको स्वीकार करो. मैं
हमेशा अपनी गलती मानती हूं.
आप खुद छोटे शहर से हैं और आज बड़े मुकाम पर हैं, इन दिनों छोटे शहर की लड़कियों में कोई परिवर्तन आप देखती हैं?
देखिये मैं बहुत लकी थी क्योंकि मेरे माता पिता ने बहुत सपोर्ट किया. हमारे सपने कितने भी बड़े हो लेकिन फैमिली साथ ना दे
तो वो बिखर ही जाते हैं. मेरी बाकी की फैमिली ने कभी भी मेरा साथ नहीं दिया. मेरे चाचा ने तो यहां तक बोल दिया था कि अगर
एक्टर बनेगी तो घर मत आने देना. मेरे डैड ने हमेशा से साथ दिया. उन्होंने कहा एक्ट्रेस बनोगी लेकिन पढ़ाई कैसे होगी? मैंने कहा की
मैं 18 साल की हूं और अपना 1 साल फिल्म को देना चाहूंगी फिर मेरे डैड ने कहा की ठीक है तुम डेढ़ साल लो, अगर हुआ तो ठीक
नहीं तो पढ़ाई. इस तरह से परिवार का सपोर्ट होना बहुत ही जरूरी है.
आपके लिए फेमिनिज्म क्या है?
देखिये जब मैं इंडस्ट्री में आई थी तो प्रोड्यूसर्स का ख्याल था कि अगर डेट्स की प्रॉब्लम है तो लड़कियां बदली जा सकती हैं,
जब मैंने फैशन की थी तो मुझसे कहा गया था कि करियर में जब फिल्में ना मिले तो महिला प्रधान फिल्में करनी चाहिए, मुझे हमेशा
से बुरा लगता था की क्या मैं टैलेंटेड नहीं हूं? आर्टिस्ट नहीं हूं? जब 2 लड़कियां एक साथ फिल्म में काम करती हैं तो कहा जाता है
कैट- फाइट करेंगी, ऐसा लड़कों के लिए नहीं है, आखिर हमें कम क्यों समझा जाता है? तो मेरे लिए हमेशा ही ये लड़ाई रही है जिसके
कारण मैंने 'बरफी', 'सात खून माफ' या 'मैरी कॉम' जैसी फिल्में की हैं जिससे की हमारे प्रोड्यूसर्स को पैसा मिले और वो ज्यादा फिल्में
बना सकें.
आप अब फेयरनेस क्रीम का प्रचार नहीं करती?
हां मैंने बहुत पहले एक साल के लिए ऐसा ऐड किया था लेकिन फिर करना बंद कर दिया क्योंकि मैं खुद फेयर नहीं हूं और वो
बात अलग है कि लोग मुझे फोटोजेनिक समझते हैं.
अनिल कपूर इस फिल्म में आपके पिता बने हैं, कभी मन नहीं किया किसी फिल्म में उनके साथ रोमांस करने का?
आपको नहीं पता होगा की मैंने अपना पहला शॉट एक हीरो के तौर पर अनिल सर (अनिल कपूर) के साथ ही दिया था वो सतीश
कौशिक की फिल्म थी जो कि नहीं बन पाई. एक सीन हमने शूट किया था लेकिन उसके बाद मौका ही नहीं मिला. वैसे मेरा मानना है
कि एक एक्टर के लिए एक्टिंग करना जरूरी है. क्या रिश्ता निभा रहे हैं ये मायने नहीं रखता. अभी रणवीर के साथ मैंने गुंडे में रोमांस
किया तो 'दिल धड़कने दो' में उनकी बहन के रोल में हूं. इसके अलावा आने वाली फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' में उनकी पत्नी का किरदार
निभाऊंगी, तो एक्टिंग करना जरूरी है.
आप अपने गाने के टैलेंट को दबा के क्यों रखती हैं?
(हंसते हुए) मुझे वक्त नहीं मिल पाता. रियाज करने का हालांकि 'मैरी कॉम' में छोटा सा गाना और 'दिल धड़कने दो' में फरहान
के कहने पर मैंने टाइटल सॉन्ग गाया है लेकिन सच बताऊं तो सिर्फ गा देना मुझे अच्छा नहीं लगता, रियाज के साथ गाना जरूरी है
और जब भी मौका मिलेगा पूरा रियाज करके गाना गाउंगी.