महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के नाम पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. अब उनके नाम पर बन रही फिल्म 'देशभक्त नाथूराम गोडसे' पर बैन लगाने की मांग की गई है और मामला कोर्ट तक पहुंच गया है. विवादास्पद फिल्म 30 जनवरी को रिलीज होनी है. मंदिर पर भी जारी है विवाद
इस संबंध में अन्ना हजारे के सहयोगी सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत पाटिल ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा के खिलाफ मुकदमा कर दिया है. 29 दिसंबर को पुणे की एक सिविल कोर्ट यह बताएगी कि मामले पर सुनवाई करना उसके अधिकार क्षेत्र में आता है या नहीं. गोडसे की मूर्ति लगाने के ये हैं मायने...
अब तक अलग-अलग मुद्दों पर 42 जनहित याचिकाएं डाल चुके हेमंत पाटिल ने आरोप लगाया है कि फिल्म सांप्रदायिक आधार पर लोगों की भावनाएं भड़का सकती है, इसलिए इस पर बैन लगाया जाए. अपनी याचिका में पाटिल ने आरोप लगाया है कि महासभा के महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा ने मीडिया से कहा था कि फिल्म में महात्मा गांधी की हत्या करने वाला नाथूराम गोडसे को देशभक्त और गांधी को हिंदू-विरोधी दिखाया जाएगा.
दूसरी तरफ, नाथूराम गोडसे की पोती हिमानी सावरकर ने फिल्म पर बैन को सरासर गलत बताया है.