नेपोटिज्म पर शुरू हुई बहस के बाद हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कई पहलुओं से पर्दा उठा है. जहां कई एक्टर्स को नेपोटिज्म की वजह से मौके मिले हैं वहीं कई का मानना है कि टैलेंट ही है जो आखिर में मायने रखता है. डायरेक्टर आर बाल्की ने अब इस चर्चा में हिस्सा लिया है. अक्षय की पैडमैन, अमिताभ की चीनी कम, पा और कई अन्य फिल्में बनाने वाले आर बाल्की का कहना है कि लोग इस विषय पर अपने मनोरंजन के लिए बात कर रहे हैं और अच्छी बातों के बारे में नहीं बता रहे.
आलिया-रणबीर से बेहतर ले आओ....
अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में आर बाल्की ने इस बारे में बातचीत की. उन्होंने ये माना कि स्टार किड्स को पहली बार पर्दे पर काम करने के लिए एडवांटेज मिलता है. लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि एक्टर्स जैसे आलिया भट्ट और रणबीर कपूर बेहद टैलेंटेड हैं और उनके जैसा कोई नहीं है. बाल्की बोले- सवाल ये है कि क्या उनके (स्टार किड्स) पास एक गलत या बड़ा एडवांटेज होता है? हां इस बात के कई अच्छे और बुरे पहलू हैं. लेकिन मैं सिर्फ एक सरल सवाल पूछूंगा. मुझे आलिया या रणबीर से बेहतर एक्टर ला दो फिर मैं बहस करने को तैयार हूं. ये बात उन लोगों के साथ नाइंसाफी है जो शायद बढ़िया एक्टर हैं.
फिल्म शमिताभ को भी डायरेक्ट कर चुके आर बाल्की ने कहा कि दर्शक उन एक्टर्स को पर्दे पर नहीं देखना चाहते जो टैलेंटेड नहीं हैं. लेकिन कभी-कभी वो स्टार्स किड्स को पर्दे पर देखना चाहते हैं. बाल्की ने कहा- इस बात को समझिए कि दर्शकों को वो एक्टर्स नहीं पसंद, जिनमें टैलेंट नहीं होता.
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बॉलीवुड में आउटसाइडर्स को होती है दिक्कत
उन्होंने इस बात को माना कि बॉलीवुड में एक आउटसाइडर के लिए जगह बनाना ज्यादा मुश्किल है. उन्होंने कहा- वो पहला चांस ही होता है जिसकी आपको जरूरत होती है. उसके बाद आप अपनी जिम्मेदारी होते हैं. मैं मानता हूं कि एक आउटसाइडर के लिए फिल्मों में एंट्री कर पाना ज्यादा मुश्किल होता है, लेकिन आपका टैलेंट आपको मौके दिलाता है.
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आर बाल्की ने बताया कि अपनी फिल्म में कास्टिंग के लिए वो सिर्फ इन बातों को देखते हैं कि कौन-सा एक्टर रोल को सूट करेगा और कौन उस समय उपलब्ध है. इसके अलावा बाल्की और कुछ नहीं देखते.