अरुण जगदीशन कमीशन से समन मिलने के बाद सुपरस्टर रजनीकांत ने कमीशन के सामने खुद पेश होने से राहत मांगी है. रजनीकांत को जस्टिस अरुणा जगदीशन कमीशन ने अपने सामने हाजिर होने को कहा था. ये कमीशन तूतीकोरिन पुलिस फायरिंग की जांच कर रही है. तूतीकोरिन में पुलिस फायरिंग के दौरान एंटी-स्टरलाइट प्रोटेस्ट करने वाली 13 लोगों की जाने चली गई थीं.
रजनी ने मांगी राहत
रजनीकांत ने अपने वकील द्वारा एक एफिडेविट फाइल करवाया है, जिसमें उन्होंने कमीशन के सामने जाने से राहत मांगी है और कमीशन द्वारा पूछे जाने वाले सवालों की लिस्ट पाने के लिए एफिडेविट डालने की इच्छा जताई है. रजनी ने अपने एफिडेविट में कहा कि उनके खुद आने से जनता को बहुत ज्यादा परेशानी हो सकती है.
बता दें कि जस्टिस अरुण जगदीशन ने रजनीकांत को कमीशन के सामने हाजिर होने का आदेश दिया था. रजनी को 25 फरवरी को कमीशन के सामने हाजिर होना है.
ये आदेश रजनी से तूतीकोरिन मामले की तहकीकात, उनके तूतीकोरिन जाने और वहां हुए हादसे की पूछताछ के लिए दिया गया था. रजनीकांत के वकील अधिवक्ता एलाम भारती ने एफिडेविट की डिटेल्स की पुष्टि आजतक से फोन पर बातचीत के दौरान की है.
ये है मामला
बता दें कि ये मामला भारत के सबसे खतरनाक एनवायरनमेंटल प्रोटेस्ट का है, जो तूतीकोरिन में वेदांता के स्टरलाइट कॉपर प्लांट के बनने की खबर के बाद हुआ था. इस प्रोटेस्ट में 13 लोगों की जानें गई थीं. रजनीकांत ने तूतीकोरिन में अपने पहले दौरे के दौरान इस बारे में बात कर असामाजिक तत्वों को इसका जिम्मेदार ठहराया था.
वहीं रजनी से पहले सरकार ने भी इस प्लांट को बंद करने के आदेश दिए थे. लेकिन विरोधी पार्टियों और अन्य कई एक्सपर्ट्स ने इस आदेश का विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि AIADMK के द्वारा जारी किए गए निर्देश इस मामले को बंद करने के लिए काफी नहीं हैं. वे चाहते हैं कि लंदन लिस्टेड वेदांता रिसोर्सेज को कोर्ट से बंद किए जाने का आदेश मिलना चाहिए.