राजकुमार राव की फिल्म न्यूटन रिलीज के बाद से ही चर्चाओं में बनी हुई है. कभी ऑस्कर एंट्री को लेकर तो कभी फिल्म के पोस्टर और कंटेंट की नकल की खबरें आ रही हैं. इन दिनों सोशल मीडिया पर फिल्म के दो डायलॉग पर खूब चर्चा में हैं. पंकज त्रिपाठी और राजकुमार राव के ये दो डायलॉग इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहे हैं.
पहला डायलॉग है जिसमें पंकज त्रिपाठी राजकुमार को चुनौती देते हुए कहते हैं मैं लिख के देता हूं, कोई नहीं आएगा. इसको ट्विटर पर खूब ट्रेंड किया जा रहा है.
Friend : Let's plan a Goa trip with our school buddies.
Me : pic.twitter.com/jSUFC89Lcu
— Appurv Gupta-GuptaJi (@appurv_gupta) September 25, 2017
Boss: Saturdays working kar dete hai
me: pic.twitter.com/Jnmkl8KieO
— Ashwani (@Social_spartan) September 25, 2017
वहीं दूसरा डायलॉग राजकुमार राव का है. जिसमें वह पंकज को जवाब देते हुए कहते हैं लिखकर दीजिए. एक्टर के इस जवाब को लोग मजाकिया अंदाज में ट्विटर पर खूब इस्तेमाल कर रहे हैं.
Crush: You'll find a way better girl than me
Me: pic.twitter.com/hv4Ez26Da2
— P.R. (@pr_akash_raj) September 24, 2017
फिल्म से जुड़े विवाद
न्यूटन में देश की चुनाव प्रणाली के गंभीर मसले को फिल्म में व्यंग्य के रूप में दिखाया गया है. इस फिल्म को अमित मसुरकर ने डायरेक्ट किया है. बता दें, ऑस्कर के लिए नॉमिनेट होने के बाद से इसे लेकर रोजाना विवाद सामने आ रहा है. पहले कहा गया कि ये ईरानी फिल्म सीक्रेट बैलेट की कॉपी है. हालांकि न्यूटन के निर्देशक ने इस तरह के आरोपों को खारिज किया है. अब नया खुलासा सामने आया है इसके पोस्टर को लेकर. कहा जा रहा है कि इस फिल्म का पोस्टर सत्यजीत रे की फिल्म गणशत्रु से मिलता-जुलता है. फिल्म को लेकर उठे ऐसे सवाल ऑस्कर अवॉर्ड में भारतीय दावेदारी को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
इन 7 वजहों से 'न्यूटन' को मिलना चाहिए ऑस्कर
जानें न्यूटन की कहानी
फिल्म की कहानी नूतन कुमार (राजकुमार राव) की है जिसने अपने लड़कियों वाले नाम को दसवीं के बोर्ड में 'न्यूटन' लिख कर बदल लिया है. अब सभी लोग उसे न्यूटन के नाम से ही जानते हैं. न्यूटन ने फिजिक्स में एमएससी की पढ़ाई की है. चुनाव के समय उसकी ड्यूटी लगती है. उसे जंगल के नक्सल प्रभावित इलाके में जाकर वोटिंग करवानी पड़ती है. वहां जाने पर उसे पता चलता है कि वहां सिर्फ 76 वोटर्स हैं, लेकिन वोटिंग वाले दिन कोई नहीं आता. ऐसे में न्यूटन क्या करता है और परिस्थिति कितनी बदलती है, यही फिल्म का मेन क्लाइमेक्स है.