तमिलनाडु में भगवान की तरह पूजे जाने वाले सुपरस्टार रजनीकांत ने अपनी राजनीतिक पारी के सवाल का जवाब 'भगवान की इच्छा' पर छोड़ दिया है. यानी भगवान की इच्छा हुई तो वे तमिलनाडु की राजनीति में उतर सकते हैं. रजनीकांत के ऐसा कहते ही उनके बीजेपी ज्वाइन करने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. इस आशय की खबर एक अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स ने प्रकाशित की है.
रजनीकांत के बयान के बाद अफवाहों का बाजार गर्म है कि बीजेपी के नए अध्यक्ष अमित शाह रजनीकांत को तमिलनाडु में पार्टी का चेहरा बनाने की कोशिश कर रहे हैं और सुपरस्टार रजनीकांत की भी इसमें दिलचस्पी है.
दक्षिण भारतीय फिल्मों के इस महानायक से जब राजनीति में उनकी एंट्री के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह 'भगवान की इच्छा' के मुताबिक काम करेंगे. जब उनकी मर्जी के बारे में पूछा गया, तो उनकी जवाब था 'भगवान की मर्जी ही उनकी मर्जी है'.
ऐसे में जब राजनीति के बारे में रजनीकांत भगवान की मर्जी पर निर्भर हो तो बीजेपी इकाई के लिए तमिलनाडु में अपने कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ाने के लिए इससे बेहतर अफवाह क्या हो सकती है.
इस बारे में अटकलें तेज होने के बाद तमिलनाडु बीजेपी की नई अध्यक्ष टी सौंदर्यराजन को एक दिन में कम-से-कम 7,000 कार्यकर्ताओं से मिलना और उनका स्वागत करना पड़ा.
इस बाबत सौंदर्यराजन ने कहा कि 'मुझे इस बारे में पार्टी से आधिकारिक सूचना नहीं मिली है. हालांकि, रजनीकांत का बीजेपी से काफी दोस्ताना रिश्ता रहा है. पूरे राज्य को पता है कि जब हमारे महान नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने नदियों को जोड़ने की अहमियत पर जोर दिया था, तो रजनीकांत ने इसके लिए तत्काल एक करोड़ रुपये का योगदान दिया था.'