सुपरस्टार रजनीकांत ने केंद्र सरकार के आर्टिकल 370 को हटाने के फैसले का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि 'जिस तरह से अमित शाह और पीएम मोदी ने पूरे मुद्दे को प्लान किया है, वो एक बेहतरीन रणनीति है. पहले उन्होंने धारा 144 लगवाई. उन्होंने ये साफ किया कि कोई भी इस मुद्दे पर कोई परेशानी ना खड़ी करें. फिर उन्होंने राज्यसभा में बिल को रखा जहां उनके पास मेजॉरिटी भी नहीं है और फिर उन्होंने इस बिल को लोकसभा में पास करवा लिया है. ये अच्छी रणनीति रही. वे इस रणनीति को सलीके से अंजाम देने में कामयाब रहे. ये मुद्दा नेशनल सिक्योरिटी का है. राजनेताओं को पता होना चाहिए कि किस चीज को राजनीतिक मुद्दा बनाना चाहिए और किसे नहीं. मैं सरकार के फैसले का समर्थन करता हूं क्योंकि ये मुद्दा नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ा हुआ है.'
गौरतलब है कि रजनीकांत कुछ समय पहले वे एक किताब के विमोचन समारोह में पहुंचे थे. इस किताब का शीर्षक है, "Listening, Learning and Leading". इस किताब में पिछले दो साल के दौरान देश के सभी प्रदेशों और केद्र शासित राज्यों में उपराष्ट्रपति के 330 सार्वजनिक आयोजनों की कुछ झलकियां हैं. रजनीकांत ने इस मौके पर बोलते हुए अमित शाह और पीएम मोदी की जोड़ी को कृष्ण और अर्जुन की जोड़ी बताया था.
इससे पहले मिशन मंगल की टीम ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी थी. अक्षय कुमार ने सीनियर जर्नलिस्ट अंजना ओम कश्यप के साथ बातचीत में कहा था कि अगर सरकार ने फैसला लिया है तो कुछ सोच समझ कर ही लिया होगा. ये ऐसा फैसला नहीं है कि इसे एक दिन में लिया जा सकता है. उन्होंने ये भी कहा कि उनकी मां और दादी भी कश्मीर से हैं, ऐसे में ये फैसला उनके लिए खास मायने रखता है. वही कीर्ति कुल्हारी ने इस मामले में बात करते हुए कहा कि वे इस फैसले के समर्थन में हैं. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार के लिए ये फैसला लेना आसान नहीं रहा होगा लेकिन अगर लंबे समय के लिए बात की जाए तो ये फैसला पॉजिटिव है. तापसी पन्नू ने इस मामले में कहा कि मैं दिल्ली में पली बढ़ी हूं और मुंबई में काम कर रही हूं तो तो ऐसे में कश्मीर के हालात को जाने बगैर मैं ये कह दूं कि सब कुछ सही है तो ये वहां की जनता के लिए अनफेयर होगा. मैं कश्मीर एक या दो बार ही गई हूं तो ऐसे में मेरे लिए वहां रहे बिना, वहां के हालातों को समझे बिना राय बनाना मुश्किल होगा.