गुजरात दंगों पर बनी डॉक्यूमेंट्री 'फाइनल सोल्यूशन' को लेकर फिल्मकार राकेश शर्मा और अभिनेता अनुपम खेर आमने-सामने हो गए हैं. इन दोनों के बीच सोशल मीडिया में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. शर्मा ने आरोप लगाया कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष रहते खेर ने एनडीए सरकार के दौरान मंजूरी नहीं देकर उनकी इस डॉक्यूमेंट्री को रोक दिया था, हालांकि बाद में यूपीए के सत्ता में आने पर इसे मंजूरी मिली.
राकेश शर्मा ने ट्वीट किया, 'फाइनल सोल्यूशन को सात अक्तूबर, 2004 को मंजूरी मिली, जब यूपीए सरकार थी.' अनुपम खेर के दावे के मुताबिक इसे बीजेपी के शासन में मंजूरी मिली, जबकि ऐसा नहीं है. शर्मा ने कहा, इसे श्याम बेनगल की अध्यक्षता वाली समिति ने मंजूरी दी थी. अनुपम ने इसे रोक दिया था.
खेर 16 अक्तूबर, 2003 से 13 अक्तूबर, 2004 तक सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष रहे. उन्होंने शर्मा के आरोप से इंकार करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में ही इस डॉक्यूमेंट्री को मंजूरी मिली थी और शर्मा ने इसके लिए उनका शुक्रिया भी अदा किया था.