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सीरियल राम-सिया के लव-कुश पर पंजाब में बवाल, कैप्टन अमरिंदर ने लगाया बैन

वाल्मीकि एक्शन समिति ने दावा किया है कि इस शो में भगवान के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं. उनकी गलत छवि पेश की गई है और ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है. इस मामले में पंजाब के सीएम ने भी कड़ा रुख अपनाया है.

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राम सिया के लव कुश का एक दृश्य
राम सिया के लव कुश का एक दृश्य

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टीवी सीरियल 'राम-सिया के लव कुश' अपने विवादित कंटेंट के चलते जबरदस्त सुर्खियों में बना हुआ है. वाल्मीकि एक्शन समिति ने दावा किया है कि इस शो में भगवान के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं. उनकी गलत छवि पेश की गई है और ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है. इससे वाल्मीकि समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.

इसके विरोध में शनिवार को वाल्मीकि समुदाय ने एक दिन के 'पंजाब बंद' का आयोजन किया था. इस बंद के दौरान राज्य के कई हिस्सों में हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं थीं वही एक शख्स को गोली भी लगी थी लेकिन इस शख्स को बचा लिया गया है. संगठन की मांग है कि देशभर में इस शो को बैन किया जाए और इसके निर्देशक और कलाकारों को जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने के लिए सजा दी जाए.

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इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कैप्टन अमरिंदर ने सख्त चेतावनी दी है कि कोई भी शख्स राज्य की शांति को भंग करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा.

वाल्मीकि समुदाय का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भारत सरकार को पत्र लिखा है कि वे डीटीएच चैनल्स को निर्देश देकर इस सीरियल को तुरंत बंद कराएं. कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि किसी भी सीरियल प्रोड्यूसर को ऐसे किसी भी विवादित शो या सीरियल को प्रोड्यूस करने से बचना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि उनकी सरकार राज्य के हर समुदाय की धार्मिक भावनाओं का आदर करती है और वे ये सुनिश्चित करेंगे कि वे अपने राज्य में इस शो के टेलीकास्ट पर प्रतिबंध लगाएं. इस निर्देश के बाद, जिलाधिकारियों ने एक महीने के लिए सीरियल को सस्‍पेंड कर दिया है.

कैप्टन अमरिंदर ने ये भी कहा कि वे डीजीपी को बोलकर ये सुनिश्चित कराएंगे कि कोई भी गैर-सामाजिक तत्व राज्य की शांति को भंग करने की कोशिश ना करने पाए. उन्होंने कहा कि सरकार, राज्य की शांति को भंग करने की किसी कोशिश को कामयाब नहीं होने देगी और ना ही किसी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने दिया जाएगा.

गौरतलब है कि पंजाब बंद के दौरान जालंधर, अमृतसर, होशियारपुर, कपूरथला, फगवाड़ा और फिरोजपुर में कई दुकानें और सेंटर्स बंद रहे हालांकि दवा दुकानों, क्लीनिकों और एंबुलेंस सेवाएं को बंद से छूट दी गई थी.

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