सलमान खान से पंगा लेना शायद अभिनव कश्यप को महंगा पड़ गया है. उन्होंने सलमान खान के साथ दबंग जैसी सुपर मसाला और सुपरहिट फिल्म दी थी. उन्हें उम्मीद थी कि वे बेशर्म को बड़ी हिट बनाकर सलमान खान के आगे अपने डायरेक्शन का लोहा मनवा सकेंगे. लेकिन वे ऐसा करने में सफल नहीं रहे.
पढ़ें फिल्म बेशरम का रिव्यू
पहले दिन 21 करोड़ से ज्यादा, मगर उसके बाद...
फिल्म को पिछले हफ्ते बुधवार को लंबे वीकेंड और दशहरा से पहले की बड़ी फिल्म के तौर पर रिलीज किया गया था. पहले दिन यानी 2 अक्तूबर को फिल्म ने धमाकेदार 21.56 करोड़ रु. की कमाई. सो अभिनव को अपना ख्वाब सच होता लगा. लेकिन खराब रिव्यू और कमजोर फिल्म ने उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. हर दिन के साथ इसके कारोबार में गिरावट का आलम देखने को मिला. फिल्म ने दूसरे दिन 7.13 करोड़ रु., तीसरे दिन, 5.68 करोड़ रु., चौथे दिन 5.94 करोड़ रु. और पांचवें दिन 7.38 करोड़ रु. कमाए और छठे दिन फिल्म 2.43 करोड़ रु. पर आ गई. कुल मिलाकर फिल्म ने पिछले छह दिन में 50.12 करोड़ रु. का कारोबार किया. फिल्म के खराब प्रदर्शन के बारे में फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर और एग्जीबटर संजय मेहता कहते हैं, “अगर फिल्म 2 अक्तूबर को रिलीज नहीं होती तो यह कलेक्शन10-15 करोड़ रु. और कम होता.” फिल्म का बजट 50 करोड़ रु. बताया जाता है.
बेशर्म पर गाज, छोटी फिल्मों की खुली लॉटरी
बेशर्म के खराब प्रदर्शन ने छोटी फिल्मों की राह खोल दी है. मल्टीप्लेक्स कंपनी से जुड़े सूत्र बताते हैं, “बेशर्म के शो कम कर दिए जाएंगे. फिल्म के निर्माताओं और वितरकों को उम्मीद थी कि दशहरा से पहले फिल्म का जादू चल जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.” यही वजह है कि बेशर्म के शोज में कटौती की जा रही है, कहीं-कहीं तो यह कटौती लगभग 50 फीसदी तक की है.
इसका फायदा इस हफ्ते रिलीज होने वाली छोटी फिल्मों को मिलता नजर आ रहा है. बेशर्म के निर्माताओं को उम्मीद थी कि पहले नौ दिन फिल्म को मिलेंगे, उसके बाद अगले हफ्ते दो छोटी फिल्में रिलीज हो रही हैं तो बाजी उन्हीं के हाथ रहेगी. लेकिन बाजी उल्टी पड़ गई. फिल्म को मिले ठंडे रिस्पॉन्स की वजह से सिनेमाघरों ने इसके शो घटा दिए हैं. वे “बात बन गई” तथा “वॉर छोड़ न यार” को ज्यादा शो दे रहे हैं.
वॉर छोड़ न यार के प्रोड्यूसर प्रशांत नारायणन कहते हैं, “हमें थिएटर की ओर से ज्यादा प्रिंट की डिमांड मिली है. इसलिए पहले हम 450 प्रिंट रिलीज कर रहे थे लेकिन अब हमने प्रिंट की संख्या बढ़ाकर 600 कर दी है.” प्रशांत इसकी वजह सिनेमाघरों के पास ज्यादा कंटेंट न होने को बताते हैं.