बॉलीवुड में तमाम रोमांटिक फिल्में बनी हैं और दर्शकों ने उन्हें पसंद भी खूब किया है. बॉलीवुड की इन्हीं तमाम रोमांटिक फिल्मों के कुछ डॉयलॉग्स लोगों ज़हन में हमेशा ही ताजा रहेंगे...
इज्जतें, दौलतें, शोहरतें सभी कुछ मिलता है लेकिन प्यार कभी नहीं मिलता. (सिलसिला)
मोहब्बत जो डरती है वो मोहब्बत नहीं अय्याशी है, गुनाह है. (मुग़ल-ए-आज़म)
इश्क दी मेरे मित्रा पहचान की, मिट जावे जद यारा जिद अपनान दी. (नमस्ते लंदन)
सच्ची मोहब्बत जिंदगी में सिर्फ एक बार होती है, और कोई भगवान या खुदा उसे नाकामयाब नहीं करते. (वीर जारा)
चाहने और हासिल करने में बहुत फर्क है, प्यार सिर्फ हासिल करने का नाम नहीं, प्यार देने का नाम है. (हम दिल दे चुके सनम)
प्यार एक खूबसूरत अहसास है जो हमारी जिंदगी में एक हवा के झोंके की तरह आता है और हमारी जिंदगी का रोम-रोम उसकी खुशबू से महक उठता है. (फना)
मोहब्बत क्या है, क्यों है, कहां है? (दिल तो पागल है)
प्यार दोस्ती है. (कुछ कुछ होता है)
मोहब्बत भी जिंदगी की तरह होती है, हर मोड़ आसान नहीं होता, हर मोड़ पर खुशियां नहीं होती, पर जब हम जिंदगी का साथ नहीं छोड़ते तो मोहब्बत का साथ क्यों छोड़ें...(मोहब्बतें)
मोहब्बत में शर्तें नहीं होती.... तो अफसोस भी नहीं होना चाहिए. (मोहब्बतें)
कभी हम एक-दूसरे को खो कर भी तो प्यार को ऊंचा दर्जा देते हैं, जुदा रहकर प्यार की ऊंचाई को प्राप्त करते हैं, और प्यार मिला तो भी जुदाई भी तो एक प्यार है... (किसना)
जो प्यार कामयाब हो उसके बारे में बात करने की जरूरत नहीं होती, और जो प्यार नाकामयाब हो उसके बारे में बात करने का फायदा नहीं. (हम तुम)
प्यार में शक नाम की कोई गुंजाइश नहीं रहती, जहां प्यार होता है वहां कुछ नहीं सिर्फ प्यार होता है. (हमको दीवाना कर गए)
'प्यार' को गुलजार ने एक गाने में कुछ इस तरह बयां किया है...
प्यार कोई बोल नहीं, प्यार आवाज नहीं...
एक खामोशी है, सुनती है कहा करती है.
ना ये बुझती है ना रुकती है, ना ठहरी है कहीं...
नूर की बूंद है सदियों से बहा करती है.
(गुलजार द्वारा लिए गए फिल्म खामोशी के गीत 'हमनें देखी है उन आंखों की...' से)
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