scorecardresearch
 

वो फिल्‍मकार नहीं रहा, जिसके कारण भूपेन हजारिका को मिला था नेशनल अवॉर्ड

मजीदका के संबोधन से मशहूर असमिया फिल्‍मकार अब्‍दुल मजीद नहीं रहे. वे 200 नाटकों में कई किरदारों में नजर आए.उनके कारण ही गायक भूपेन हजारिका को नेशनल अवॉर्ड मिला था.  जानें कैसे?

Advertisement
X
लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड लेते अब्‍दुल मजीद (फोटो: साभार)
लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड लेते अब्‍दुल मजीद (फोटो: साभार)

Advertisement

असम फिल्म जगत के दिग्गज अब्दुल मजीद का रविवार सुबह निधन हो गया. वे 86 साल के थे. फिल्म अभिनेता, निर्देशक और नाटक लेखक रहे मजीद को 23 सितम्बर को जीएनआरसी अस्पताल में भर्ती किया गया था. अस्पताल के एक प्रवक्ता ने बताया कि रविवार को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई.

मजीदका के संबोधन से मशहूर मजीद ने 200 नाटकों में कई किरदार निभाए थे और वह नई प्रतिभाओं को आगे ले जाने का काम भी करते थे. मजीद ने 1970 में मशहूर फिल्म 'चमेली मेमसाब' का निर्देशन भी किया था. उन्होंने 'बानाहांसा', 'बांजुई' 'पोनाकन' और 'उत्तरकाल' जैसी फिल्में भी बनाईं. इन फिल्मों ने असम फिल्म जगत के लिए एक नई राह तय की और सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति उनके रुख को प्रदर्शित किया.

निर्देशक उत्पल बोरपुजारी ने मजीद के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने कहा कि मजीद ने क्लासिक फिल्म चमेली मेमसाब बनाई थी जिसके हर गाने बेशकीमती थे और जिसके लिए भूपेन हजारिका को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था. गायक पापोन अंगराग ने कहा, "इस खबर को सुनकर बेहद दुख हुआ. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे." अभिनेता आदिल हुसैन ने भी अपने एक ट्वीट में कहा, "मजीद का निधन बेहद दुखद है. असम के फिल्मकार, अभिनेता अब्दुल मजीद आज (रविवार को) गुजर गए, अपने पीछे कुछ शानदार फिल्में छोड़कर. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे."

Advertisement
Advertisement