सिनेमा के भव्य और चमकदार सेट को छोड़कर कुछ निर्माताओं ने देश का हृदय कहे जाने वाले गांवों की पृष्ठभूमि पर फिल्म बनाने की कोशिश की है और ऐसी फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर सफलता भी मिली है.
फिल्म निर्देशक विशाल भारद्वाज की फिल्म 'मटरू की बिजली का मंडोला' इसके पहले बनी फिल्मों- 'इश्किया', 'पीपली लाइव' और 'पान सिंह तोमर' के बाद एक बार फिर ग्रामीण पृष्ठभूमि की फिल्म की परम्परा को बरकरार रखने की कोशिश कर रही है.
फिल्म में नई पीढ़ी के कलाकार इमरान खान, अनुष्का शर्मा और वरिष्ठ अभिनेता पंकज कपूर हैं, जिसमें हरियाणा की पृष्ठभूमि को गढ़ा गया है.
फिल्म 'ओमकारा' और 'इश्किया' का निर्देशन कर चुके भारद्वाज की इस नई फिल्म से ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इसमें ठेठ हरयाणवी का पुट देखने को मिलेगा.
चाहे बात इमरान के पारम्परिक कमीज की हो या वहां पहने जाने वाले लोगों के अन्य परिधानों की या फिर अनुष्का के देसी घाघरा और लोक गीत की, इससे हरियाणा के देसीपन का स्पष्ट रूप से दर्शन हो रहा है.
भारद्वाज को किस बात ने ग्रामीण पृष्ठभूमि पर फिल्म बनाने के लिए प्रेरित किया? उन्होंने हाल में एक बयान में कहा था, ‘मुझे भारतीय लोक गीत और गांव पसंद हैं. यहां के लोग शहरी लोगों की अपेक्षा ज्यादा रोचक होते हैं. इसलिए, मैं अपनी फिल्म में इस तरह के किरदार पसंद करता हूं. मैं छोटे शहर मेरठ से हूं और मेरे ज्यादातर फिल्मों में मेरे बचपन की झलक दिखती है. फिल्म निर्माण के दौरान मैं अपनी पिछली जिंदगी में पहुंच जाता हूं और इसके लिए अपने अनुभवों को आकार देता हूं.’
हाल के दिनों में बॉलीवुड में 'डोर', 'गुलाल', 'रक्त चित्र', 'गट्टू' , 'दबंग' , 'उड़ान', 'गैंग्स आफ वासेपुर' जैसी ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्में बनीं, जिन्हें दर्शकों और फिल्म समीक्षकों की काफी सराहना मिली है.