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कभी सलमान खान की आवाज बन गया था ये मशहूर स‍िंगर

एस पी बालासुब्रमण्यम के जन्मदिन पर जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ बातें.

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एस पी बालासुब्रमण्यम
एस पी बालासुब्रमण्यम

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एसपी बाला सुब्रमण्यम ने साउथ समेत हिंदी भाषा में भी अपने आवाज का जादू बिखेरा है. सलमान खान के करियर के शुरुआती दौर के अधिकतर गानें एस पी बालासुब्रमण्यम ने ही गाए हैं. इसके अलावा उन्हें साउथ के सुपरस्टार कमल हासन की भी आवाज माना जाता है. उनके जन्मदिन पर आइये जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी बातें.

एस पी बालासुब्रमण्यम का जन्म 4 जून, 1946 को मद्रास में हुआ. एस पी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. तबियत खराब होने के कारण उन्हें बीच में पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी जिसे उन्होंने बाद में पूरा किया.

बचपन से ही उन्हें संगीत में रुचि थी. इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते वक्त ही वो संगीत की तालीम लेते थे. इसके अलावा उस दौरान उन्होंने कई सारी म्यूजिक कॉम्पिटीशन में भी भाग लिया और जीते भी.

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15 दिसंबर, 1966 को फिल्म ''श्री श्री श्री मर्यादा रमन्ना'' से एस पी बालासुब्रमण्यम ने अपना फिल्मी डेब्यू किया. उन्होंने तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, हिंदी और संस्कृति भाषा में गाने गाए.

अपने शानदार करियर में एस पी ने एक सिंगर, एक्टर, म्यूजिक डायरेक्टर और फिल्म प्रोड्यूसर के रूप में खुद को स्थापित किया. हिंदी फिल्मों में  उन्होंने एक दूजे के लिए, मैने प्यार किया, हम आपके हैं कौन और रोजा जैसी फिल्मों में गाने गा कर पॉपुलर हुए. इसके अलावा उन्होंने लगभग 15 साल हिंदी फिल्मों से दूर रहने के बाद 2013 में शाहरुख खान की फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस का टाइटिल सॉन्ग गाया.

बहुत कम लोगों को इस बात का पता होगा कि एक बेहतरीन सिंगर और काबिल एक्टर होने के अलावा वो एक वॉइस ओवर आर्टिस्ट भी हैं. एस पी ने कमल हासन और रजनीकांत से लेकर सलमान खान, शाहरुख खान, अनिल कपूर और गिरीश कर्नाड के लिए वॉइस ओवर किया.

फिल्म दशावतारम के तेलुगु वर्जन के लिए कमल हासन द्वारा प्ले किए गए दस रोल में से 7 कैरेक्टर की आवाज का वॉइस ओवर एस पी ने किया. इसमें बूढ़ी औरत वाले किरदार की आवाज भी शामिल है.

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येसुदास के बाद एस पी बेस्ट मेल सिंगर का नेशनल अवॉर्ड जीतने के मामले में दूसरे स्ठान पर हैं. येसुदास ने जहां अपने शानदार करियर के दौरान 8 नेशनल अवॉर्ड जीते वहीं एस पी भी चार भिन्न भाषाओं में 6 नेशनल अवॉर्ड जीते हैं.

उन्हें भारत सरकार द्वारा 2001 में पद्मश्री और 2011 में पद्मभूषण से भी नवाजा जा चुका है. 16 भिन्न भाषाओं में एस पी करीब 40,000 गानें गा चुके हैं और पिछले 5 दशक से कला के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं.

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