आज तक के सीधी बात कार्यक्रम में फिल्म एक्टर सलमान खान ने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के बारे में खुलकर बात की. सलमान बोले कि मेरे पिता सलीम खान ठीक कहते हैं कि कुछ लोग और दल जबरन नरेंद्र मोदी के पीछे पड़े हैं. सलीम खान ने कहा था कि गुजरात से ज्यादा भयानक दंगे मुंबई और भागलपुर में हो चुके हैं. लोग इन दंगों के दौरान मुख्यमंत्री रहे नेताओं पर सवाल नहीं उठाते. इसी तर्ज पर सलमान खान भी बोले कि जिस शख्स को देश की न्यायपालिका बरी कर चुकी है, उस पर बार-बार सवाल उठाने वाले हम और आप कौन होते हैं. जो सवाल उठाते हैं, क्या उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा नहीं.
मोदी के करीब आने में गलत क्या
नरेंद्र मोदी के मुद्दे पर सलमान खान ने कहा कि हमारे कोर्ट ने, सीबीआई ने उन्हें क्लीन चिट दे दी. खलास. एंड ऑफ स्टोरी. तो फिर बात ही क्या रह जाती है. उन्होंने कहा कि अगर मेरे अहमदाबाद जाने से हमारी उनकी करीबी बढ़ती है, तो इसमें गलत क्या है.
सलमान खान बोले कि देखो सर, अमिताभ बच्चन गए, अजय देवगन गए, परेश रावल गए, कुछ हुआ क्या. मुकेश अंबानी और टाटा ने उनकी इतनी तारीफ की, कुछ हुआ क्या. मगर सलमान खान नरेंद्र मोदी के पास गया, तो इतना हंगामा हुआ. क्यों. सिर्फ इसलिए कि मेरा नाम सलमान खान है. जबरन कुछ लोग मेरी मुस्लिम पहचान को उभार रहे हैं. जब मैं गुजरात गया, तो मुझे वहां मुसलमान मिले. ये बात कुछ दलों और लोगों को पसंद नहीं आई.
कांग्रेस का सपोर्टर नहीं हूं मैं
सलमान खान ने कहा कि देश का पीएम कौन होगा, ये तय करना मेरा काम नहीं है. मैं तो सिर्फ एमपी और एमएलए चुन सकता हूं. अहमदाबाद में दिए अपने बयान को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि हां मैं बाबा सिद्दीकी और प्रिया दत्त को वोट दूंगा. लेकिन इसमें इनकी पार्टी का कोई रोल नहीं. ये लोग निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे, तब भी मेरा वोट इन्हें ही जाएगा क्योंकि ये अच्छे लोग हैं.
बेस्ट मैन पीएम बने, इस टिप्पणी पर सलमान बोले कि देखिए मैं राजनीति को फॉलो नहीं कर रहा. मुझे नहीं पता किसने कितना काम किया. आप हर चीज के लिए ऊपर वाले से प्रार्थना करते हो. ये तो देश का मसला है. तो ऊपर वाले से दुआ मांगने में क्या बुरा है.सलमान ने कहा कि मैं अपनी ओपिनियन से लोगों को प्रभावित नहीं करना चाहता. ये लोग तय करें कि उन्हें कैसा राजनीतिक नेतृत्व चाहिए.
मेरे पिता नहीं लड़ेंगे चुनाव
सलमान खान के पिता सलीम खान की नरेंद्र मोदी से काफी नजदीकी बताई जाती है. क्या वह गुजरात से चुनाव भी लड़ सकते हैं. इस सवाल पर सलमान ने साफ किया कि नहीं, डैडी चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि हमारे परिवार के हर राजनीतिक दल के लोगों से अच्छे ताल्लुकात हैं.
केजरीवाल हमें फॉलो कर रहे हैं
राहुल कंवल ने सलमान खान से फिल्म जय हो के संदर्भ में आम आदमी और खास आदमी पर सवाल पूछा. सलमान बोले कि कि मुझे तो नहीं लगता कि कोई खास और कोई आम है. एक किसिम का आदमी है, जो लेना चाहता है, दूसरा है जो देना चाहता है. बस यही दो किसिम हैं. इन्हीं दोनों की लड़ाई है. अच्छे और बुरे की लड़ाई है.
आम आदमी से प्रेरित कहानी क्या केजरीवाल की सफलता भुनाने के लिए है. इस सवाल पर सलमान खान ने कहा कि जय हो की कहानी ढाई साल पहले तैयार हो गई थी. उस वक्त तो केजरीवाल इतने बड़े नहीं हुए थे. तो मैं कह सकता हूं कि हम केजरीवाल को नहीं, बल्कि वो हमें फॉलो कर रहे हैं.केजरीवाल को नसीहत देते हुए सलमान ने कहा कि गुड मैन होना औऱ गवर्न करना दो अलग चीजें हैं. हालांकि नीयत अच्छी हो, तो इसे सीखा जा सकता है.
मेरी तस्वीर जलाने से फर्क नहीं पड़ता
सैफई महोत्सव और अहमदाबाद में पतंग उड़ाने पर हुए विरोध को दरकिनार करते हुए सलमान खान ने कहा, मुझे इन सबसे फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि मेरी तस्वीरें तो हमेशा से जलती आई हैं. वे जलाएं, दफनाएं या फाड़ें, मुझे उनसे कोई लेना देना नहीं. इतना कहने के साथ सलमान ने यह भी साफ किया कि हर सूबे के पुलिस प्रशासन को यह देखना होगा कि जय हो की रिलीज शांतिपूर्ण ढंग से हो, ताकि जो लोग फिल्म देखने आए हैं, उन्हें कोई दिक्कत न हो. सलमान ने कहा कि मुट्ठी भर लोग झूठे प्रचार के लिए कहीं कहीं कैमरों के सामने विरोध का नाटक करते हैं. सरकार को इन्हें रोकना होगा.
आग लगा दूं अपने पैसों में, किसी को क्या
सैफई में जाकर परफॉर्म करने के सवाल पर सलमान पहले भी जवाब दे चुके हैं. जब सीधी बात के दौरान यह मुद्दा आया तो उन्होंने कहा कि हम एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के लोग हैं. हमें पैसे मिलते हैं. हम नाचते हैं. उन लाखों लोगों के लिए जो हमें देखने आते हैं. अगर लोग नहीं होंगे, तो हम ये काम नहीं करेंगे. और ऐसा नहीं कि सिर्फ पैसों के लिए करते हैं. हम हर साल मुंबई पुलिस के फंक्शन में भी जाते हैं. चैरिटी के लिए वहां परफॉर्म करते हैं. सलमान के मुताबिक मेरी क्या नैतिकता है, इस पर दूसरे लोग सवाल उठाने वाले कौन होते हैं. मैं अपने पैसे जलाऊं. गरीबों में बांट दूं. फाड़ दूं, किसी से क्या लेना देना. मैं अपनी कमाई पर टैक्स देता हूं.