फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' की बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई जारी है. फिल्म ने रिलीज के 4 दिनों में दुनियाभर में करीब 250 करोड़ रुपये की कमाई दर्ज करवा चुके हैं. हाल ही में सलमान खान ने इस फिल्म से जुड़े कई सवालों के जवाब दिए. पेश है इस खास बातचीत के कुछ अंश:
'प्रेम' किरदार के बारे में क्या कहना चाहेंगे?
'प्रेम' नाम का श्रेय सूरज बडज़ात्या को जाता है. उन्होंने कई साल पहले, जब 'प्रेम' और 'प्राण' नाम के निगेटिव किरदार हुआ करते थे यानी कोई भी
अभिभावक अपने बच्चे का नाम प्राण या 'प्रेम' नहीं रखना चाहता था, उस दौरान लोगों की सोच को बदलने के लिए सूरज ने हीरो का नाम 'प्रेम' रखा, जिसे
लोगों ने पसंद भी किया. बस वहीं से 'प्रेम' का सफर शुरू हुआ. वैसे भी आदमी नाम से नहीं, अपने काम से पहचाना जाता है. लोगों के जहन में 'प्रेम' का
कैरेक्टर आज भी जिंदा है, यानी 'प्रेम' ने अपने काम की बदौलत ही नाम कमाया है.
'प्रेम रतन धन पायो' का प्रेम पहले रिलीज हुई फिल्मों से कितना अलग था?
वह बहुत ही अलग किरदार है, सबको हंसाता है, अपनी संस्कृति के जरिए सबको एक साथ जोडऩे में लगा रहता है. इस तरह से फिल्म में एक तरह
की सीख दी गई है कि जो हमारी संस्कृति की दहलीज है, उसे न पार करें... यानी प्रेम एक ऐसा कैरेक्टर है, जो खुद सोचता है कि जो वह कर रहा है,
उसका प्रभाव कैसा रहेगा. इस तरह से वह कुछ गलत करता ही नहीं है, बस सबको साथ रखने के प्रयास में लगा रहता है. फिल्म में राजाओं की फैमिली
की लव स्टोरी है जिसमें भाई-बहन का भी एक अलग एंगल देखने को मिलेगा.
फिल्म के टाइटल से आप इत्तेफाक नहीं रख रहे थे?
नहीं नहीं सर, हम अक्सर कहते हैं ना 'राम रतन धन पायो...लेकिन ये टाइटल काफी अलग था. इसी चक्कर में शुरुआती दौर में फिल्म का नाम लेने
में थोड़ा अटपटा सा लगता था. फिर धीरे-धीरे 'प्रेम रतन धन पायो' से ही सब फ्रेंडली हो गए. आजकल वैसे भी लोग शार्ट फॉर्म बना लेते हैं. हम एक फिल्म
के प्रमोशन में गए थे तो उस दौरान मेरे एक फैन ने पूछा कि सर, 'एमपीके (MPK)' कब रिलीज हो रही है. मैं चौंक गया तो वह बोला, 'मैने प्यार
किया(MPK)' की बात कर रहा हूं. इस पर मुझे हंसी आ गई.यानी आज की नई पीढ़ी हर चीज का शॉर्टफॉम ढूंढ़ ही लेते हैं.
इस फिल्म के सेट की भव्यता के बारे में क्या कहेंगे?
'मैने प्यार किया', 'हम आपके हैं कौन' 'हम साथ साथ हैं' इत्यादि सूरज की सभी फिल्मों के सेट की भव्यता वाकई में देखने लायक होती है. इस
लिहाज से इस फिल्म में तो मैं प्रिंस बना हूं और सोनम कपूर प्रिंसेस, सेट को भव्य होना भी तो जरूरी है. इस फिल्म के शीश महल को तैयार करने के
लिए राजस्थान से कारीगर आए थे, जो वाकई में विशालकाय और भव्य था. शीश महल तो तोड़ दिया गया है, लेकिन पैलेस को मुंबई के एन डी स्टूडियो में
बनाया गया था. सूरज जब भी मेरी लाइफ में आए, वह मेरी जिंदगी को एक पड़ाव ऊपर ही लेकर गए हैं.
पाकिस्तान से भारत आई गीता भी आपको शुक्रिया कहना चाह रही है और आपसे मिलना चाहती है?
पहले उसके मां बाप की शिनाख्त पूरी हो जाए. मुझे अच्छा लगता है कि जब रीयल लाइफ में भी ऐसा होता है. सबसे पहले मैं पाकिस्तान के उस
फाउंडेशन और इबकीश बीबी का शुक्रिया अदा करता हूं, जिसने गीता को आसरा दिया. इसके अलावा मैं कहना चाहूंगा कि गीता पहले अपने मां-बाप के पास
पहुंच जाए और वे भी उसे उतना ही प्यार करें कि इतने वर्षों की दूरी को गीता भुला सके. यानी अभी तक पाकिस्तान में जैसी उसकी परवरिश 14 सालोंतक
हुई है, ठीक उसी तरह उसके मां-बाप बिल्कुल अपनों की तरह ही उसे भी चाहें. गीता को अपनों से इतना प्रेम मिलना चाहिए कि वह कभी भविष्य में
पाकिस्तान जाने की ख्वाहिश भी ना करे.
आपकी संस्था 'बीइंग ह्यूमन' भी तो भूले-बिछड़ों को मिलाने का काम कर रही है?
जी हां, हमारी एनजीओ 'बीइंग ह्यूमन के तहत भी बिछड़े लोगों को मिलने की मुहिम चलाई गई है, जिसके तहत अंतरा देसाई को उसके अपनों तक
पहुंचाया गया है. अभी तक करीब 30 बच्चे, अपने परिवार से मिल चुके हैं और आगे भी हमारा एनजीओ यह सिलसिला जारी रखेगा. साथ ही अब हम ऐसे
बच्चों की भी उचित व्यवस्था करने की प्लानिंग में लगे हुए हैं जो माता-पिता से बिछड़ चुके हैं.
आपके और आमिर के बीच मतभेद की खबरें थी?
वो ऐसे ही अफवाह थी इसमें कोई भी सच्चाई नहीं है. आमिर खान के साथ किसी की अनबन हो सकती है क्या? ये सब गलत खबरें हैं.
क्या आपको लगता है कि इस फिल्म के बाद भारतीय संस्कृति पर गहरा प्रभाव पड़ेगा?
वाकई में फिल्म देखने के बाद लोग खुद को कुछ समय के लिए अच्छा इंसान बनाएंगे. जैसे हम मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च जाते समय या नमाज
पढ़ते और पूजा करते समय कुछ देर पहले और बाद में अच्छे बने रहते हैं और फिर कुछ समय बाद हम नॉर्मल हो जाते हैं. यानी फिल्म से लोग खुद को
कनेक्ट करके देखेंगे और उसे एंजॉय भी करेंगे. हमारी फिल्मों का यही उद्देश्य होता है कि उनसे लोगों को सीख मिले.
ज्वाइंट फैमिली के बारे में क्या कहना चाहेंगे?
मेरे हिसाब से तो ज्वाइंट फैमिली का मतलब साथ में रहना भर ही नहीं होता और ऐसी भी फैमिली का क्या मतलब, जो रहते तो साथ में हैं, लेकिन
प्रॉपर्टी आदि की बातों को लेकर आपस में ही झगड़ते रहते हैं. ज्वाइंट मतलब, दिलों का ज्वाइंट होना चाहिए. यानी आप भले ही अलग रहें, लेकिन
दुख-सुख में किसी को ऐसा नहीं फील होना चाहिए कि आप उसके साथ नहीं हैं. मेरे मुताबिक, ज्वाइंट फैमिली का अर्थ होता है, ज्वाइंट रहकर एक-दूसरे की
तकलीफों में साथ देना.
'सुल्तान' की क्या तैयारियां चल रही हैं?
'सुल्तान' के लिए अभी 8 किलो और बढ़ाना है, फिल्म में रेसलर का किरदार निभाकर जीतना भी है, और जीतने के लिए वैसी बॉडी होनी जरूरी है.
अभी 90 किलो का हूं और अभी लगभग 96-97 किलो तक होउंगा. फिल्म में 2 -3 लुक्स में नजर आउंगा.
आप शिक्षा पर आधारित 'शिक्षणाचा आईच्या घो' मराठी फिल्म करने वाले थे?
नहीं, वो नहीं कर पा रहा हूं, अब शिक्षा व्यवस्था भी बदल गई है इसलिए फिल्म नहीं कर पा रहा हूं.
पाकिस्तानी एक्टर्स के हिंदी फिल्मों में काम करने के विरोध में आप क्या कहना चाहेंगे?
आज हमारी फिल्में पाकिस्तान में रिलीज हो रही हैं और वहां की आवाम हमारे काम को पसंद भी कर रही है. साथ ही पाकिस्तान से आज हमें काफी
इनकम भी हो रही है. इस तरह से हमें आपसी झगड़े में नहीं पडऩा चाहिए बल्कि आपस में मिलकर आगे तरक्की की राह पर अग्रसर रहना चाहिए. अब
अगर, हमें फिल्म में पाकिस्तानी किरदार की जरूरत है तो उसे मौका जरूर दिया जाना चाहिए और उसकी क्रिएटिविटी पर उसे आजमाना चाहिए. इस
लिहाज से सिनेमा में भारत-पाकिस्तान के लिए कोई भी बाउंड्री नहीं है, हम साथ काम करने में लगे हैं.