फिल्में समाज का आइना मानी जाती हैं और बॉलीवुड फिल्मों में तमाम ऐसे सीक्वेंस होते हैं जिन्हें त्योहारों के इर्द-गिर्द शूट किया जाता है. इनमें से कुछ सीक्वेंस ऐसे हैं जो आज भी लोगों के फेवरेट हैं. दिवाली के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे ही फिल्मी सीन के बारे में जो आज भी दर्शकों के फेवरेट सीन्स में से एक हैं. ये सीन है साल 1999 में आई संजय दत्त की फिल्म 'वास्तव: द रियलिटी' का.
इस सीन में गलत रास्ते पर चल पड़ा संजय दत्त का किरदार लंबे वक्त बाद अपने घर वापसी करता है. मौका है दिवाली का और उसकी चॉल के बाहर जमकर आतिशबाजी हो रही है. सभी खुशी से दिवाली मना रहे हैं और इसी बीच एंबेसडर गाड़ी से संजय दत्त की एंट्री होती है. संजय दत्त का किरदार रघु अब तक पूरी तरह बदल चुका है. उसे मुंबई के अंडरवर्ल्ड की हवा लग चुकी है और उसकी बोली से लेकर लुक तक सब बदल चुका है.
रघु जब घर में घुसता है तो सब उसे बेहद नीरस रिएक्शन देते हैं. रघु अपनी मां और पिता को वो महंगे तोहफे देता है जो वह उनके लिए लाया था. रघु की मां जब उसके गले में लटकी सोने की मोटी चेन्स की तरफ देख रही होती है तो तब रघु अपनी मां पर हंसने लगता है और कहता है, "देख क्या रही है? असली है. 50 तोला है 50 तोला. कितना? 50 तोला, 50 तोला." संजय दत्त की फिल्म का ये सीन काफी लोकप्रिय हुआ था.
कितना था फिल्म का बजट?
उनकी फिल्म का ये सीन आज भी काफी लोकप्रिय है. बता दें कि फिल्म वास्तव संजय दत्त की एवरग्रीन फिल्मों में से एक है. महेश मांजरेकर के निर्देशन में बनी इस फिल्म का बजट 41 करोड़ रुपये था. फिल्म में संजय दत्त के अलावा नम्रता शिरोदकर, रीमा लागू और शिवाजी सतम ने अहम किरदार निभाए थे.