संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत काफी विवादों के बाद अब 25 जनवरी को रिलीज होने जा रही है. फिल्म को लेकर देश में अभी भी विरोध प्रदर्शन जारी है. पहले पद्मावती के नाम से रिलीज होने जा रही इस फिल्म का नाम अब पद्मावत कर दिया गया है. इसके पीछे देश में चल रहा विरोध प्रदर्शन है या फिर वजह कुछ और ही है.
बता दें कि भंसाली पहली रानी पद्मावती के ऊपर फिल्म नहीं बना रहे बल्कि संजय लीला भंसाली पहले भी 1980 के दशक में इस कहानी पर काम कर चुके हैं.
पद्मावत: क्या धमकियों से डर गए निर्माता? सितारे नहीं करेंगे फिल्म का प्रमोशन
बात 1988 की है जब भंसाली ने 'पद्मावती' की कहानी पर काम किया था और 'भारत एक खोज' में इसका एक एपिसोड भी दिखाया गया देखा था. उस समय कोई हंगामा या प्रदर्शन नहीं हुआ था. नेशनल चैनल 'दूरदर्शन' पर 'भारत एक खोज' नाम के कार्यक्रम के 26वें एपिसोड 'द देल्ही सल्तनत एंड पद्मावत' में रानी पद्मावती की कहानी दिखाई गई थी.
इस एपिसोड को श्याम बेनेगल ने निर्देशित किया था और संजय लीला भंसाली इस टीवी सीरीज के असिस्टेंट एडिटर हुआ करते थे. उस संजय लीला भंसाली अपने नाम के साथ 'लीला' नहीं लगाते थे.
हरियाणा में भी फिल्म 'पद्मावत' बैन, अब तक इन राज्यों से मिल चुका रेड सिग्नल
भारत एक खोज के इस एपिसोड में अलाउद्दीन खिलजी को आइने के जरिये रानी पद्मावती को देखते हुए दिखाया गया था. इस एपिसोड में 'घूमर' भी दिखाया गया था. एपिसोड में पद्मावती के जौहर को नहीं दिखाया गया था. इस एपिसोड के अंत में 'संजय भंसाली' नाम को असिस्टेंट एडिटर्स की लिस्ट में सबसे ऊपर देखा जा सकता है.
इस सीरीज में ओम पुरी ने खिलजी का रोल किया था तो वहीं राजा रतन सिंह के किरदार में राजेंद्र गुप्ता नजर आए थे. एक्ट्रेस सीमा केलकर ने रानी पद्मावती का रोल प्ले किया था.