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बहस में 'इच्छा मृत्यु', भंसाली बोले- मैंने फिल्म बनाई थी तो मचा बवाल

सम्मानपूर्वक मृत्यु को लेकर संजय लीला भंसाली ने 2010 में गुजारिश नाम की एक फिल्म बनाई थी. फिल्म की पटकथा इच्छामृत्यु पर आधारित थी. उस वक्त फिल्म के कंटेंट को लेकर बहस छिड़ गई थी. 

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संजय लीला भंसाली
संजय लीला भंसाली

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शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि इंसान अगर अपनी बीमारियों से परेशान है और पीड़ा में है तो उसे सम्मानपूर्वक खुद का जीवन खत्म करने का अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर जमकर बहस होने लगी है. हाल ही में पद्मावत बनाने वाले संजय लीला भंसाली ने भी इस पर टिप्पणी की.

इंडियन एक्सप्रेस से कहा, उन्होंने जब इस विषय पर एक फिल्म बनाई तो उस वक्त बहुत हल्ला किया गया था. बता दें कि सम्मानपूर्वक मृत्यु को लेकर संजय लीला भंसाली ने 2010 में गुजारिश नाम की एक फिल्म बनाई थी. फिल्म की पटकथा इच्छामृत्यु पर आधारित थी. उस वक्त फिल्म के कंटेंट को लेकर बहस छिड़ गई थी. 

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गुजारिश में रितिक रोशन ने मुख्य भूमिका निभाई थी. उन्होंने एक क्वाड्रीप्लीजिक (जिसकी चारों लिम्ब में पैरालिसिस हो जाए)  मरीज का रोल किया था. फिल्म में उनके अपोजिट ऐश्वर्या राय थीं. 2017 में हॉलीवुड में भी 'ब्रीथ' नाम से ऐसी ही एक फिल्म बन चुकी है.

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भंसाली ने ब्रीथ से उनकी फिल्म गुजारिश की थीम के मेल पर कहा- उन्होंने ब्रीथ नहीं देखी है. अगर दोनों फिल्मों की थीम में समानता है तो वो उम्मीद करते हैं गैरइरादतन हुआ होगा.

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भंसाली ने बताया कि गुजारिश बनाने की प्रेरणा उन्हें अपने एक करीबी से मिली थी. उन्होंने कहा, वो इस तरह के दर्द से वाकिफ हैं. वो जानते हैं कि जीवन में कभी-कभी दर्द इतना बढ़ जाता है कि इंसान के पास अपने जीवन से मुक्ति पाने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता है.

संजय ने यह भी कहा, फिल्म बनाने के दौरान उन्होंने इस तरह की और फिल्मों को देखना जरूरी नहीं समझा. वो फिल्म की स्क्रिप्ट की केंद्रबिंदु से भटकना नहीं चाहते थे. साथ ही वो इस मुद्दे को लेकर दूसरे निर्देशकों द्वारा बनाई फिल्मों के कंटेंट से भ्रमित नहीं होना चाहते थे.

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