लगभग 1 महीने से दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर स्टारर फिल्म 'पद्मावती' का विरोध किया जा रहा है. करणी सेना और कई राजपूत संगठन फिल्म के विरोध में हैं. पहले एक दिसंबर को रिलीज होने जा रही फिल्म की रिलीज अब जनवरी से भी आगे बढ़ सकती है. दरअसल, सर्टिफिकेशन के लिए अधूरे कागजात की वजह से सेंसर ने ये फिल्म वापस लौटा दी थी. फिर कहा गया कि अब ये 12 जनवरी को रिलीज होगी.
ट्रेड एनालिस्ट रमेश बाला ने अपने ट्विटर अकाउंट पर फिल्म की रिलीज डेट को लेकर एक पोस्ट में लिखा कि पद्मावती साल 2018 में रिलीज होगी. फिल्म को सेंसर बोर्ड की तरफ से अभी सटिर्फिकेट का इंतजार है तो सियासत और संगठनों के विरोधों के बीच मेकर्स इससे निपटने की कोशिश कर रहे हैं. फिल्म को रिलीज करने के लिए शुक्रवार की एक फ्री डेट को भी सर्च किया जा रहा है. अब वायकॉम, यूएसए फिल्म की आगे की प्रोसेस को बढ़ाएंगे.
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. @viacom18 will release #Padmavati early next year..
1. Censor certificate has to be obtained..
2. Political and Protest situations will be taken into account..
3. A Suitable Free Friday date needs to be identified..
4. @viamcom USA HQ will make the final call.. pic.twitter.com/k7dzeLiQhV
— Ramesh Bala (@rameshlaus) November 22, 2017
फिल्म रिलीज की डेट पर अभी भी कन्फ्यूजन है. फैंस को फिल्म की रिलीज के लिए अभी भी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है.गोवा सेंसर चीफ प्रसून जोशी के एक बयान को सही मानें तो सर्टिफिकेशन पाने में निर्माताओं को कम से कम 68 दिन का वक्त लगेगा. यानी 68 दिन से पहले इस फिल्म का रिलीज होना मुश्किल है.
68 दिन की समयावधि को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि जनवरी के अंत तक भी फिल्म की रिलीज में संकट है. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक पद्मावती फरवरी से मार्च के बीच रिलीज हो सकती है. हालांकि पद्मावती की डेट खिसकने से इसका असर दूसरी फिल्मों की रिलीज और बॉक्स ऑफिस कारोबार पर भी पड़ेगा.
700 साल बाद सामने आया पद्मिनी का वंशज, पूछा- कहानी झूठ तो मेरा वजूद कैसेअब पद्मावती पर गुजरात में ग्रहण
विजय रूपाणी के बयान की मानें तो गुजरात में पद्मावती के प्रदर्शन पर ग्रहण लग गया है. रूपाणी ने बुधवार को कहा, फैसला क्षत्रीय और दूसरे संगठनों से बातचीत के बाद लिया गया है. तय हुआ है कि जब तक आपत्तियों का समाधान नहीं होगा, क़ानून-व्यवस्था को देखते हुए गुजरात में फिल्म रिलीज नहीं की जा सकती. इस फिल्म से माहौल बिगड़ सकता है. चुनाव के मद्देनजर किसी तरह की प्रतिक्रया में हिंसा से अशांति फ़ैल सकती है. गृह मंत्रालय की इस पर नजर है.
रूपाणी ने कहा, 'मैं इस फिल्म को नहीं देखना चाहता. जिनकी भावनाएं आहत हुई हैं (फिल्म से) वो अपने मुद्दे लेकर मेरे साथ आए. चुनाव के बाद हम फिल्म की रिलीज के बारे में विचार करेंगे.'
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बीजेपी सीएम खट्टर की राह अलगउधर, पद्मावती पर जारी राजनीतिक घमासान के बीच बीजेपी के एक दूसरे सीएम मनोहरलाल खट्टर ने अलग राह पकड़ ली है. एक मामले में तो उनकी राय यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से ठीक उलट है. हरियाणा में फिल्म बैन करने की मांग पर कहा, 'सेंसर से क्लियरेंस से पहले किसी फिल्म को बैन करना ठीक नहीं होगा.' खट्टर ने सिर काटने पर इनाम की घोषणा करने वालों से जवाब मांगने की भी बात कही.