सोशल मीडिया पर वायरल हुई रानू मंडल भले ही आज लता मंगेशकर का गाना गाकर स्टार बन गई हों लेकिन इस गाने को लिखने वाले संतोष आनंद आज भी बदहाली भरा जीवन जीने को मजबूर हैं. पांच साल पहले उनके बेटे और बहू ने सुसाइड कर लिया था जिसके बाद से संतोष पूरी तरह टूट गए थे और वे आज भी इस त्रासदी से उबर नहीं पाए हैं.
दरअसल संतोष आनंद के बेटे संकल्प आनंद ने पांच साल पहले अपनी पत्नी के साथ आत्महत्या जैसा घातक कदम उठाया था. इस हादसे के बाद से ही संतोष आनंद बुरी तरह टूट गए थे. वे अपने घर में ही काफी समय तक कैद होकर रहने लगे थे.
संकल्प गृह मंत्रालय में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को समाजशास्त्र और अपराध शास्त्र की शिक्षा देते थे. वे काफी समय से मानसिक रूप से परेशान चल रहे थे. उन्होंने आत्महत्या से पहले 10 पेज का सुसाइड लेटर भी लिखा था. इस सुसाइड नोट में केंद्रीय होम डिपार्टमेंट के कई सीनियर अधिकारी और डीआईजी पुलिस संदीप मित्तल का नाम शामिल था. संकल्प ने आरोप लगाया था कि करोड़ों के फंड में गड़बड़ी के चलते इन अधिकारियों ने उन्हें सुसाइड के लिए मजबूर किया.
संकल्प आनंद 15 अक्टूबर 2014 को अपनी पत्नी के साथ ही दिल्ली से मथुरा पहुंचे थे. दोनों ने कोसीकलां कस्बे के पास रेलवे ट्रैक पर पहुंचकर मथुरा की ओर से आने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस के सामने कूदकर जान दे दी थी. इस हादसे में उनकी बेटी की किसी तरह जान बच गई थी. ट्रेन के आगे कूदने से पहले उन्हें रेलवे के एक कर्मचारी गिरिराज सिंह ने ट्रैक के पास जाने से मना किया था. गिरिराज सिंह ने इस पूरी घटना को रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स और गर्वनमेंट रेलवे पुलिस को रिपोर्ट किया था. दोनों के पास से दो मोबाइल फोन और 65000 हजार रुपए भी मिले थे.
संतोष आनंद ने दैनिक जागरण के साथ खास बातचीत में बताया था कि मैंने 1995 के बाद ही फिल्मों में गीत लिखना बंद कर दिया था, लेकिन बेटे और बहू के सुसाइड के बाद मैंने खुद को घर में कैद कर लिया. कुछ समय बाद कुछ दोस्तों की रिक्वेस्ट पर मंच पर दोबारा गीतों को सुनाना शुरू किया और अब वे इसी के सहारे अपनी रोजी रोटी चला रहे हैं.