scorecardresearch
 

31 साल बाद स्टेज पर दिखेगी महेश भट्ट की 'सारांश'

मशहूर फिल्मकार महेश भट्ट की बनाई फिल्म 'सारांश' 31 साल बाद अब स्टेज पर आ रही है. इसे मंच पर लाने का काम कर रहे हैं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के ग्रेजुएट  38 साल  दानिश इकबाल.

Advertisement
X

मशहूर फिल्मकार महेश भट्ट की बनाई फिल्म 'सारांश' 31 साल बाद अब स्टेज पर आ रही है. इसे मंच पर लाने का काम कर रहे हैं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के ग्रेजुएट 38 साल दानिश इकबाल.

Advertisement

वह इससे पहले महेश भट्ट की फिल्म 'डैडी' को भी स्टेज पर ला चुके हैं. 'सारांश' की स्टोरीलाइन असल में बड़ी सशक्त है. यह फीलगुड नाटक नहीं है. यह रिटायर्ड और आदर्शवादी बी.वी. प्रधान की कहानी है, जो बेटे की हत्या हो जाने के बाद मकान का एक हिस्सा किराए पर देकर पत्नी के साथ जीवन गुजार रहे हैं.

धीरे-धीरे समकालीन युवा, उनकी सोच, नेता और राजनीति उनके रास्ते में आते जाते हैं और इनके साथ प्रधान का द्वंद्व और टकराहटें भी. प्रधान का ही किरदार था, जिसे 28 साल की उम्र में करके अनुपम खेर सिनेमा में एक मजबूत अभिनेता के रूप में स्थापित हो गए थे.

प्रस्तुति का सार बताने वाली पंक्ति फिल्म में वैसे कहीं बीच में आती है लेकिन दानिश ने उसे नाटक की आखिरी लाइन बनाया है: 'तुम्हारे चेहरे की झुर्रियों में मेरे जीवन का सारांश है पार्वती.' अब यह नाटक एक नए मेथड एक्टर को जन्म देता दिखता है. ये हैं एनएसडी के ग्रेजुएट सहीदुर्रहमान (36), जो 'भाग मिल्खा भाग' में राणा की एक छोटी-सी भूमिका में हैं और गुडग़ांव स्थित किंगडम ऑफ ड्रीम्स में जंगूरा नाटक का मुख्य किरदार निभा रहे हैं. दानिश यह नाटक भट्ट के मार्गदर्शन में ही कर रहे हैं. दानिश के ही शब्दों में, 'भट्ट साब ने साफ कह दिया कि इसे अपने नजरिए से देखो और उसी हिसाब से तैयार करो.' नाटक 16-17 जुलाई को दिल्ली के श्रीराम सेंटर में परफॉर्म किया जाएगा.

Advertisement
Advertisement