scorecardresearch
 

खुशी होती है जब लोग मुझे कैरेक्टर के नाम से जानते हैं-सुनील ग्रोवर

आजतक के खास कार्यक्रम सीधी बात में स्टार कॉमेडियन सुनील ग्रोवर ने शिरकत की. यहां उन्होंने तमाम सवालों के खुलकर जवाब दिए.

Advertisement
X
सुनील ग्रोवर
सुनील ग्रोवर

Advertisement

आजतक के खास कार्यक्रम सीधी बात में रविवार को स्टार कॉमेडियन सुनील ग्रोवर ने शिरकत की. यहां उन्होंने तमाम सवालों के बेबाकी से जवाब दिए. सुनील ने बताया कि उन्हें बहुत खुशी होती है जब लोग उन्हें एक कैरेक्टर के नाम से जानते है. मुझे मेरे काम से जाना जाता है.  

जब उनसे पूछा गया कि कभी मन में एक कसक होती है कि मेरी असली पहचान कहीं खो गई है. तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'मुझे बड़ी खुशी होती है जब लोग मुझे कैरेक्टर  के नाम से जानते हैं. पहचानते हैं क्योंकि में जो काम करता हूं, जिसके द्वारा काम करता हूं, जिससे लोग हंसते है या जो पसंद करते हैं मुझे उन करैक्टर के नाम से जानते हैं. इससे मुझे खुशी होती है. मेरा यानी सुनील ग्रोवर का ऐसा कोई अस्तित्व है नहीं और होना भी क्यों चाहिए. वो जो कैरेक्टर है उनका अस्तित्व होना चाहिए. जो कि ये सुनील ग्रोवर ने निभाए हैं. जब तक चैक सुनील ग्रोवर के नाम के आ रहे हैं तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है.'

Advertisement

View this post on Instagram

When you standing in the City of Gold next to the worlds heaviest gold ring: 63,85kgs and the worlds tallest tower made of gold, during the biggest shopping festival in the world 😱 @dsfsocial #MyDubai #MyDSF #GoldSouk

A post shared by Sunil Grover (@whosunilgrover) on

सवाल- कभी कभी ऐसा तो नहीं होता आप अपना असली नाम भूल जाते हैं.

जवाब- हां ऐसा होता है. मेरा जो ट्विटर हैंडल है या इंस्टाग्राम है वहां मैंने Who Sunil Grover लिखा हुआ है.  

सवाल- ऐसा हो गया है कि लोग बाजारों में निकलते हुए पुकारते हैं गुत्थी

जवाब- लोग मुझे गुत्थी, डॉक्टर, ऐ डॉक्टर, ओ मशहूर गुलाटी, ओ रिंकू भाभी तो चारो पांचों नामों पर मेरी गर्दन मुड़ती है. कोई कहता है सुनील तो मुझे हैरानी होती है. अरे मेरे परिवार का सदस्य तो नहीं है कोई.

सवाल- गर्लफ्रैंड आ पाती थी गुत्थी को देखने के बाबजूद

View this post on Instagram

A post shared by Sunil Grover (@whosunilgrover) on

जवाब- एक बड़ी खुशी होती है, लड़की बनकर. लड़कियां बड़ी कम्फर्टेबल हो जाती हैं. जैसे फीमेल जब मुझसे बाते करने लगती थीं तो उनको लगता था कि ये तो लड़की है तो भूल जाती थी कि ये मर्द है. मेरा भी गोसिप करने का मन करने लगता था, लड़की बनके. वैसे थोड़ी लड़की तो मेरे अन्दर ही है.

Advertisement
Advertisement