48वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आइएफएफआइ) की ओपनिंग सेरेमनी के लिए गोवा में तमाम बॉलीवुड सेलेब्रेटीज का जमावड़ा लगा. इस फेस्टिवल का उद्घाटन शाहरुख खान करेंगे. इस दौरान कटरीना कैफ, शाहिद कपूर, सेंसर बॉर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी, विशाल भारद्वाज आदि मौजूद रहेंगे. जबकि सलमान खान समापन समारोह में शिरकत करेंगे.
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ओपनिंग सेरेमनी पणजी के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ऑडिटोरियम में होगी. इस दौरान केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर शिरकत करेंगे. बता दें कि 21 से 28 नवंबर तक चलने वाले इस फेस्टिवल में 82 देशों की 195 फिल्में दिखाई जाएंगी. इनमें 10 फिल्मों का वर्ल्ड प्रीमियर, 10 फिल्मों का एशियाई और इंटरनेशनल प्रीमियर और 64 से ज्यादा फिल्मों का भारतीय प्रीमियर शामिल है. फेस्टिवल की शुरुआत ईरानी फिल्मकार माजिद मजिदी की फिल्म 'बियॉन्ड द क्लाउड्स' से होगी.
Vivaad ki jagah vichaar-vimarsh ki aavshyakta hai: Prasoon Joshi, Central Board of Film Certification (CBFC) chairperson #Padmavati pic.twitter.com/7Hu6QlFnep
— ANI (@ANI) November 20, 2017
फेस्टिवल में अमिताभ बच्चन को 'इंडियन फिल्म पर्सनालिटी ऑफ द ईयर अवार्ड' से सम्मानित किया जाएगा. साथ ही कनाडा के निर्देशक एटम एगोयन को 'लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड' से नवाजा जाएगा. बता दें कि जेम्स बॉन्ड सीरीज के 50 साल पूरे होने पर फेस्टिवल में एक स्पेशल सेक्शन इसे समर्पित रहेगा. इस दौरान 1962 में आई फिल्म 'डॉ. नो' से लेकर 2012 में आई फिल्म 'स्काईफॉल' तक दिखाई जाएंगी.Our constitution says that you are innocent until proven guilty. Same should be extended to #Padmavati, it should not be considered guilty even before it is provided for people to judge it: Shahid Kapoor pic.twitter.com/8D7YDJpOWN
— ANI (@ANI) November 20, 2017
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फेस्टिवल में संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती पर हो रहे विरोध का मुद्दा भी छाया रहा. इस बारे में प्रसून जोशी ने कहा, विवाद की जगह विचार विमर्श की जरूरत है. फिलहाल बातचीत जारी है. हमें चाहिए कि एक ऐसी आम सहमति बने, जिस पर सारी पार्टियां सहमत होंगे. वहीं शाहिद कपूर ने कहा, हमारा संविधान कहता है कि आप जब तक निर्दोष हो, तब तक दोषी नहीं पाए गए यही बात पद्मावती पर लागू होती है. ये तब तक दागदार नहीं बताया जाना चाहिए, तब तक की लोग इसे जज न कर लें. मुझे नहीं लगा फिल्म में ऐसा कुछ होगा, जो स्वीकार नहीं किया जाएगा. या फिर बेस्वाद होगा. आखिरकार, पद्मावती पूरे दम-खम के साथ रिलीज होगी.
विशाल भारद्वाज ने कहा कि वे संजय लीला भंसाली के साथ हर हाल में खड़े हैं. वहीं ईरानी फिल्मकार माजिद मजीदी ने कहा, ये पूरी दुनिया में हो रहा है. एक स्वतंत्र आवाज को नहीं दबाया जाना चाहिए. यदि सरकार आवाज दबाती है तो कलाकारों को अपने काम के लिए अलग रास्ता खोजना होगा.