फिल्म शोले में रहीम चाचा का किरदार निभाने वाले अभिनेता एके हंगल को उनकी जीवंत अदाकारी और अनूठे अंदाज के लिए याद किया जाता है. चूंकि हंगल ने 50 साल की उम्र के बाद सिनेमा जगत में एंट्री ली थी इसलिए उन्हें उम्रदराज किरदार ही मिले.
हंगल जवानी के दिनों में कैसे दिखाते थे, तमाम लोगों ने नहीं देखा है. 26 अगस्त को एक्टर शोले, बावर्ची और चितचोर जैसी फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभाने वाले एके हंगल की डेथ एनिवर्सरी है. इस मौके पर हंगल के जवानी के दिनों की एक तस्वीर खूब शेयर की जा रही है.
तस्वीर में आप देख सकते हैं कि हंगल अपनी जवानी के दिनों में शोले के चाचा और बावर्ची वाले अपने किरदार से कितने अलग दिख रहे हैं. बताते चलें कि एके हंगल का जन्म 1 फरवरी 1914 को सिआलकोट (पाकिस्तान) में हुआ था. उनका पूरा नाम अवतार किशन हंगल था और वे कश्मीरी पंडित परिवार के थे.
हंगल ने अपना बचपन और जवानी पेशावर (पाकिस्तान) में बिताई थी. सिनेमा में आने से पहले उन्होंने कई अलग-अलग काम किए थे. अपने शुरूआती दिनों में वे टेलर हुआ करते थे.
हंगल के बारे में कम ही लोग ये बात जानते हैं कि उन्होंने आजादी की लड़ाई में भी अपना योगदान दिया था. उन्होंने 1936 में पेशवर में श्री संगीत प्रिय मंडल नाम का थिएटर ग्रुप जॉइन किया था, जिसके बाद उन्होंने कई थिएटर प्ले में काम किया. पिता के रिटायरमेंट के बाद ए के हंगल का पूरा परिवार पेशावर से कराची शिफ्ट हो गया था. तीन साल पाकिस्तान की जेल में रहने के बाद हंगल साल 1949 में मुंबई शिफ्ट हुए थे.
ए के हंगल थियेटर ग्रुप इप्टा से भी जुड़े थे, जिसमें उनके साथ बलराज साहनी और कैफी आजमी भी थे. एके हंगल की पहली फिल्म बासु भट्टाचार्य की 'तीसरी कसम' थी जो कि साल 1966 में रिलीज हुई थी. 70 से 90 के दशक तक एके हंगल ने ज्यादातर फिल्मों में लीड रोल निभा रहे एक्टर के पिता या रिश्तेदार का रोल निभाया है. उन्होंने 1972 से लेकर 1996 तक राजेश खन्ना की 16 फिल्मों में काम किया था. शोले में एके हंगल का निभाया गया रहीम चाचा का किरदार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है.