प्रोड्यूसर-डायरेक्टर रोहन सिप्पी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘दम मारो दम’ और ‘नौटंकी साला’ जैसी चर्चित फिल्मों का लेखन कर चुके लेखक चारुदत्त आचार्य फिल्म ‘सोनाली केबल’ से निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखने जा रहे हैं. मुंबई में चल रहे इंटरनेट ब्रॉडबैंड जंग की कहानी को करीब से महसूस कर चुके चारुदत्त ने अपनी पहली फिल्म का विषय बनाया है.
फिल्म के राइटर-डाइरेक्टर चारुदत्त कहते हैं, 'सोनाली केबल’ को मैं अगर अपनी कहानी कहूं तो गलत नहीं होगा. दरअसल यह बात आज से कुछ सात-आठ साल पहले की है, जब मैं टेलीविजन के लिए लिखता था. हुआ यूं कि मुझे एक कहानी रातों-रात चैनल को भेजनी थी और मेरे लिए यह जीवन-मरण का सवाल था. मैंने कहानी लिखी और जैसे ही मेल करने गया तो देखा कि मेरा इंटरनेट कनेक्शन फेल हो गया है. यह वो दौर था जब फोन में इंटरनेट नहीं हुआ करता था. रात का समय था सो कोई सायबर भी नहीं खुला था. ऐसे में मैं सोच में पड़ गया, लेकिन तभी मेरे जेहन में एक नंबर आया जो उस इंटरनेट सर्विस में काम करनेवाली एक अठारह साल की लडकी का था.'
चारुदत्त कहते अागे बताते हैं, 'मैं पहले भी उससे इंटरनेट के संदर्भ में बात कर चुका था, लेकिन रात को वह मेरी मदद करेगी या नहीं इसमें संशय था. मैंने उसे फोन किया और मजाक में कहा कि कल तुम सब मेरी मैयत में आ जाना. मेरी बात सुनकर उसे भी हंसी आ गई. जब उसने मुझसे इसका कारण पूछा तो मैंने उसे अपनी सारी दुविधा कह सुनाई. उसी दौरान उसने मुझे एक सत्रह-अठारह साल के लडके का नंबर दिया और कहा कि मैं उससे बात कर लूं. आप यकीन नहीं करेंगे कि उससे बात करने के चंद मिनट बाद ही मेरा इंटरनेट शुरू हो गया. तभी मैंने फैसला किया कि मैं इन बच्चों से मिलूंगा, इनसे बात करूंगा और इनकी जिदंगी में झांककर देखूंगा.'
हालांकि, चारुदत्त कहते हैं कि उन्हें इस बात का जरा भी अंदेशा नहीं था कि उन्हें इस मुलाकात में इतनी अच्छी कहानी मिल जाएगी. चारुदत्त कहते हैं कि वह इस फिल्म के जरिए देश के उन प्रतिभाशाली मध्यमवर्गीय युवाओं की कहानी सामने लाना चाहते हैं, जिन्हें यदि सही दिशा-निर्देश औरआर्थिक मदद मिलती तो वह बहुत कुछ कर सकते थे.