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कॉर्पोरेशंस और आम आदमी के टकराव की कहानी है सोनाली केबल

सोनाली (रिया चक्रबर्ती) कहती है कि मुबंई में रहना है तो आपको डिग्री की नहीं बल्कि दिल और सयाने होने की जरूरत है. वे मुंबई के एक इलाके में ब्रॉडबैंड का काम करती है और उसकी एक मित्र मंडली है.

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फिल्म सोनाली केबल का एक दृश्य
फिल्म सोनाली केबल का एक दृश्य

सोनाली (रिया चक्रबर्ती) कहती है कि मुबंई में रहना है तो आपको डिग्री की नहीं बल्कि दिल और सयाने होने की जरूरत है. वे मुंबई के एक इलाके में ब्रॉडबैंड का काम करती है और उसकी एक मित्र मंडली है.

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इस बीच उसका बचपन का दोस्त और प्रेमी अमेरिका से लौटता है और सोनाली की उसके इस कारोबार में मदद करने लगता है. लेकिन दिक्कतें तब शुरू होती हैं जब एक बड़ी कंपनी शाइनिंग इंक ब्रॉडबैंड के कारोबार पर अपना कब्जा जमाने के लिए आती है. वाघेला (अनुपम खेर) सोनाली के काम को हड़पना चाहता है लेकिन सोनाली टक्कर के लिए तैयार हो जाती है.

इस तरह फिल्म कॉर्पोरेशंस और नेताओं के बीच संबंधों की हकीकत को उजागर करती है और लालची कॉर्पोरेशंस के आगे आम आदमी की बढ़ती मजबूरी की ओर इशारा करती है. फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो गया है. फिल्म में रिया चक्रबर्ती, अली फजल और डांस इंडिया डांस से फेमस हुए राघव जुआल लीड रोल में हैं. फिल्म के प्रोड्यूसर रोहन सिप्पी हैं और इसे चारुदत्त आचार्य ने डायरेक्ट किया है.

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