जी हां, हेडलाइन पढ़कर भले ही आप इसे मेरा ओवर कॉन्फिडेंस कहें लेकिन ये सच है कि एक जमाने में अपनी गलियों का शाहरुख था मैं. या यूं कहें कि सिर्फ मैं ही नहीं 90 की दौर में जवान हुआ वो हर शख्स जिसने शाहरुख खान से रोमांस की परिभाषा सीखी हो वो सब के सब अपनी गलियों के शाहरुख थे.
उस शाहरुख खान ने हमें सिखाया था कि अपने दोनों हाथों को फैला कर अपने प्यार का इजहार कैसे करते हैं. शाहरुख के थरथराते होंठों ने सिखाया था कि कैसे कम शब्दों में भी अपने प्यार का इजहार किया जाता है. हमारा नाम कुछ भी हो लेकिन हम सभी को अपना नाम 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' के राज के अंदाज में ही बताते थे....नाम तो सुना होगा.
यशराज और धर्मा प्रोडक्शन्स के भव्य सेटों पर जब जब शाहरुख खान ने अपने दोनों हाथों को खोला है तब तब रोमांस को एक नई पहचान मिली है. जब जब सफेद बर्फ से लिपटे पहाड़ों के बीचों बीच ओवर कोट पहने शाहरुख, साड़ी में लिपटी अपनी हिरोइन के साथ रोमांस करते थे तब तब हमारे मन में अपने प्यार के साथ उसी अंदाज में रोमांस करने के अरमान गुलाटी मारने लगते थे.
शाहरुख की तरह हेयर स्टाइल रखना हो, शाहरुख की तरह कपड़े पहनने हों या फिल्म मोहब्बतें के राज आर्यन की तरह चश्मा पहनना हो. स्कूल के उन दिनों में हमने शाहरुख बनने के हर हथकंडे को अपनाया था. शाहरुख ने हमें बहुत कुछ सिखाया था. चाहे कुछ कुछ होता है के राहुल की तरह फ्रेंडशिप डे के दिन बैंड देकर दोस्त बनाना हो, कभी खुशी कभी गम के राहुल रायचंद की तरह एक अच्छा बेटा बनना हो, कल हो ना हो के अमन माथुर की तरह बड़े दिल वाला बनना हो, स्वदेश के मोहन भार्गव की तरह देशभक्त बनना हो या फिर वीर जारा के वीर प्रताप सिंह की तरह टूट कर प्यार करने वाला आशिक बनना हो.
उन दिनों हमारे कपड़ों में भी शाहरुख खान की ही छाप दिखती थी. कभी राहुल की तरह पोलो स्पोर्ट की टी-शर्ट, कभी राज की तरह ब्लैक जैकेट, कभी राज आर्यन की तरह कंधे पर स्वेटर, कभी स्वदेस के मोहन भार्गव की तरह फॉर्मल शर्ट पैंट या फिर वीर जारा के वीर प्रताप सिंह की तरह मंकी वॉश जींस और लेदर की जैकेट. ये दौर था जब हमारे रोम रोम में राम नहीं, शाहरुख खान बनने का सपना बसता था.
अगर शाहरुख के डाई-हार्ड फैन की तरह बात करूं तो ये सच है कि शाहरुख खान वाकई रोमांस के किंग ऐसे ही नहीं बने. चाहे दुनिया कुछ भी कहे लेकिन मैं ये मानता हूं कि आज के दौर में जितने भी हीरो हैं उनमें से किसी में भी शाहरुख की तरह आंखों से रोमांस करने की कुव्वत नहीं है.
आज भले ही रोमांस की कई नई परिभाषाएं गढ़ी जा रही हों लेकिन हमने अपने बचपन को शाहरुख और उनके रोमांस करने के अंदाज के साथ जवान होते देखा है. आज शाहरुख 49 साल के हो गए हैं लेकिन जलवा अभी भी बरकरार है. दुआ है शाहरुख से रोमांस के ऐसे टिप्स यूं ही मिलते रहें. हैप्पी बर्थडे 'किंग ऑफ रोमांस' शाहरुख खान.