विवादित फिल्म पद्मावत के निर्माताओं ने फिल्म की नई रिलीज डेट के साथ हाल ही में इसका नया पोस्टर भी जारी किया था. सोशल मीडिया में इस पर काफी चर्चा हो रही है. दरअसल, फिल्म का पोस्टर सेंसर के सुझाए बदलाव के बाद जारी हुआ है. इसमें तमाम बिंदुओं पर गलतफहमी दूर करने की कोशिश नजर आती है. नए पोस्टर के डिस्क्लेमर में साफ़ किया गया कि इसमें किसी की भावनाओं को आहत नहीं किया गया है. ट्विटर यूजर्स इसपर मजेदार प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.
पोस्टर पर डिस्क्लेमर में क्या है?
फिल्म के पोस्टर में बताया गया है कि ये मलिक मोहम्मद जायसी के महाकाव्य 'पद्मावत' पर आधारित है, और पूरी तरह से काल्पनिक है. फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच कोई सीन नहीं है. फिल्म में समृद्ध-गौरवशाली राजपूत विरासत को दिखाया गया है. इसमें रानी पद्मावती की छवि के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है.
यह भी बताया गया है कि इसमें में पांच संशोधन किए गए हैं. (रिव्यू कमेटी की सुझाव पर सेंसर एन निर्माताओं को पांच बदलाव सुझाए थे.). सेंसर ने इसे यU\A सार्टिफिकेट दिया है. निर्माताओं ने बताया फिल्म में और कोई कट नहीं है इसी के साथ सरकार, सीबीएफसी और फिल्म प्रशंसकों के समर्थन के लिए हम आभारी हैं.
सोशल मीडिया में ऐसे मिले रिएक्शन
दूसरी तरफ निर्माताओं के डिस्क्लेमर पर सोशल मीडिया में अलग तरह से रिएक्शन दे रहे हैं. कुछ ने तो फिल्म की रिलीज से पहले निर्माताओं के इस कदम को बेहद वाहियात करार दिया है. लोगों की मानें तो इस तरह डिस्क्लेमर जारी करना निर्माताओं का करणी सेना जैसे संगठनों के सामने झुक जाना है. कुछ लोगों के मुताबिक़ निर्माताओं को ऐसे झुकना नहीं चाहिए था. उन्हें हिम्मत दिखानी चाहिए थी. हालांकि कई लोग फिल्म के लिए निर्माताओं की सराहना भी कर रहे हैं. फिल्म इंडस्ट्री के लोगों ने प्रशंसा की है.
डिस्क्लेमर पर किस तरह से मिल रही हैं प्रतिक्रियाएं
एक प्रशंसक नें लिखा, ये फिल्म से पहले सिगरेट पीने की मनाही को लेकर जारी किए वैधानिक चेतावनी जैसा है. हमारे देश में आर्ट के लिए कोई जगह नहीं है.
एक प्रशंसक ने फोटो लगाते हुए कहा कि आपने तो एक फिक्शनल कहानी के स्पष्टीकरण में पूरे एक पेज का एड ही जारी कर दिया.Statutory warning on a cigarette pack, I understand. This, I don't. No place for art in my country.#Padmaavat pic.twitter.com/dazvLQ4ffu
— Nakuul Mehta (@NakuulMehta) January 15, 2018
एक दूसरे शख्स ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ये सीबीएफसी को चिढ़ाने का चरम है.When you have to offer a full page ad as an explanation for a work of fiction based on a work of fiction. #Padmaavat pic.twitter.com/GrYlLcGdis
— punin (@neebooon) January 15, 2018
एक शख्स ने दुख जताया कि ये एक महान देश बिल्कुल नहीं है और अगर हमारा चाल-चलन ऐसे ही रहा तो ये देश कभी महान बन भी नहीं पाएगा.Ultimate mocking of CBFC. https://t.co/IaRmce1XVx
— Pawan Jetty (@pawan_jetty) January 15, 2018
We are not a great country... This way I think we will never be.. https://t.co/nJoWNU0KOF
— sourabh jain (@sourabh_kuki) January 15, 2018