रूप की रानी और परदे की चांदनी श्रीदेवी को बुधवार को आखिरी विदाई दी गई. उनका अंतिम संस्कार मुंबई के पवन हंस श्मशान गृह में किया गया. इस दौरान अंदर जाने की इजाजत सिर्फ जाने-माने सेलेब्रिटीज और श्रीदेवी के परिजनों को थी. जानिए किस तरह श्रीदेवी का अंतिम संस्कार किया गया.
श्रीदेवी को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां क्लिक करें
श्रीदेवी के अंतिम सफर और अंतिम संस्कार के लिए खास तैयारियां की गई थीं. चूंकि, श्रीदेवी तमिल हिन्दू परिवार से थीं. इसलिए उनका अंतिम संस्कार तमिल रीति रिवाजों से किया गया. एक हिन्दी अखबार के मुताबिक श्रीदेवी के अंतिम संस्कार की रस्में पूरी कराने के लिए तमिलनाडु से पंडितों को बुलाया गया था. श्रीदेवी को मांग में सिंदूर व लाल बिंदी लगाकर उन्हें मुखाग्नि दी गई.
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हैदराबाद से प्रशसंकों की 40 बसें आईं
श्रीदेवी दक्षिण भारत में भी काफी लोकप्रिय थीं. उन्होंने अपना करियर तमिल, मलयालम फिल्मों से शुरू किया था. श्रीदेवी के अंतिम दर्शन करने उनके प्रशंसकों से भरी 40 बसें हैदराबाद से मुंबई आई थीं. सभी दक्षिणी राज्यों से हजारों प्रशंसक मुंबई आए. लोगों ने अपने मोबाइल फोन की टॉर्च जलाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
रो पड़े शाहरुख-सलमान
श्रीदेवी के अंतिम संस्कार के समय माहौल इतना गमगीन हो गया कि वहां मौजूद हर किसी की आंख में आंसू आ गए. शाहरुख, सलमान, ऐश्वर्या राय बच्चन, विद्या बालन आदि को फूट-फूटकर रोते देखा गया.
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पहनाई गई टेंपल ज्वैलरी
अंतिम संस्कार के लिए श्रीदेवी की पार्थिव देह को सुहागिन की तरह सजाया गया था. माथे पर डॉटेड बिंदी, लाल रंग की कांजीवरम साड़ी, होठों पर सुर्ख लाली. आख़िरी यात्रा में भी श्रीदेवी लाल रंग की कांजीवरम साड़ी में सुपरस्टार की तरह ही नजर आईं. उतनी ही मासूम जितनी वो अपनी फिल्मों में नजर आती थीं. जैसे श्रीदेवी अनंत यात्रा से थककर सो रही हों. लोग उनकी आख़िरी तस्वीर बार-बार देख रहे हैं.
हम श्रीदेवी के आखिरी फोटो की जिस चीज के बारे में बात कर रहे हैं वह है उनके गले में पहनी गई एक ख़ास ज्वैलरी है. उनके गले में मंगलसूत्र, पर्ल बीडिड नेकपीस (गुट्टापुसालू हारम) और टेंपल ज्वैलरी थी. टेंपल ज्वैलरी डिजाइन की एक श्रेणी है. तमिल संस्कृति में इस तरह की ज्वैलरी का काफी अहम स्थान है.
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श्रीदेवी का जन्म एक तमिल परिवार में हुआ था. अंतिम विदाई के दौरान उन्हें साउथ की सोने की ट्रेडिशनल ज्वैलरी पहनाई गई. श्रीदेवी के गले की लॉन्ग नेकपीस (टेंपल ज्वैलरी) के बारे में बात करें तो ये दक्षिण भारतीय शैली में खास आभूषण माना जाता है. इसका ऐतिहासिक महत्व रहा है. मंदिर के देवी-देवताओं की आकृतियों से सजे इस ज्वैलरी को पुराने समय में मंदिर की नृत्यांगनाएं पहना करती थीं. बाद में संभ्रात परिवार की महिलाओं में भी इसे पहनने का चलन शुरू हो गया.