Box office collection Day 12 : राजकुमार राव, श्रद्धा कपूर और पंकज त्रिपाठी की हॉरर कॉमेडी फिल्म "स्त्री" ( Stree ) की चमक बनी हुई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक 12वें दिन स्त्री का कलेक्शन 88.82 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. उम्मीद है कि ये फिल्म जल्द ही 100 करोड़ के क्लब में शामिल हो जाएगी.
#Stree maintains the momentum... Is ROCK-STEADY... [Week 2] Fri 4.39 cr, Sat 7.63 cr, Sun 9.88 cr, Mon 3.31 cr, Tue 3.22 cr. Total: ₹ 88.82 cr. India biz.
— taran adarsh (@taran_adarsh) September 12, 2018
ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श के मुताबिक, दूसरे हफ्ते में फिल्म की कमाई कुछ इस तरह रही. दूसरे शुक्रवार को फिल्म ने 4.39 करोड़, शनिवार को 7.63 करोड़, रविवार को 9.88 करोड़ और 11वें दिन यानी सोमवार को 3.31 करोड़ और 12वें दिन यानी मंगलवार को फिल्म ने 3.22 करोड़ रुपये का कलेक्शन जुटाया. इस तरह ये फिल्म भारतीय बाजार में अब तक 88.82 करोड़ रुपए का कारोबार कर चुकी है.
स्त्री ने बनी श्रद्धा की सबसे ज्यादा कमाई वाली फिल्म
स्त्री के बाद रिलीज हुई फिल्म पलटन, लैला मजनू से और गली-गुलियां टिकट खिड़की की रेस से बाहर हैं. इन सभी फिल्मों ने पहले दिन ही बॉक्स ऑफिस पर दम तोड़ दिया है. स्त्री, श्रद्धा कपूर की पहली सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई है. इस फिल्म ने आशिकी 2 का बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है. आशिकी 2 ने कुल 78 करोड़ रुपये का बिजनेस किया था, जबकि स्त्री अब तक 88 करोड़ कमा चुकी है. अभी फिल्म का और कलेक्शन आने की उम्मीद है.
मुनाफा कमाने वाली 2018 की 6 बड़ी फिल्मों में शामिल
दर्शकों की तरह समीक्षकों ने भी स्त्री की जमकर तारीफ़ की. ये फिल्म बेहद कम बजट (करीब 30 करोड़ रुपये ) में तैयार हुई है. लागत के मुकाबले फिल्म की कमाई उल्लेखानीय है. वैसे स्त्री लागत के मुकाबले मुनाफा कमाने वाली 2018 की 6 बड़ी फिल्मों में भी शामिल हो चुकी है.100 करोड़ से ज्यादा कमाकर इस सूची में सोनू के टीटू की स्वीटी शीर्ष पर है.
उस डायन की कहानी जिस पर बनी फिल्म स्त्री
बहुत कम ही ऐसी फिल्में बॉलीवुड में बनी हैं जो असल घटनाओं पर आधारित हैं. स्त्री भी ऐसी ही एक फिल्म है. ये फिल्म उस घटना पर आधारित है जो साल 1990 के आस-पास बेंगलुरु में घटित हुई थी. लोगों का मानना है कि एक डायन लोगों के घर में आकर रात में दरवाजा खटखटाती थी. जो भी दरवाजा खोलता था उसे वो मार डालती थी. अब ये सोचने वाली बात हो सकती है कि लोग उसके आने पर दरवाजा खोलते ही क्यों थे? दरअसल वो डायन जिस घर का दरवाजा खटखटाती थी उस घर के लोगों के जान-पहचान वालों की आवाजों में बोलती थी. इससे उसका काम और आसान हो जाता था.
वहां के निवासियों ने उस डायन से निजात पाने की तरकीब निकाली. वे अपने घर के बाहर नाले बा लिखते थे. इसका हिंदी में मतलब होता है कल आना. ऐसा पढ़कर वो चुड़ैल चली जाती थी और दूसरे दिन वापस आती थी. जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे डायन का डर लोगों के जेहन से निकलता गया. समय के साथ सब कुछ पहले की तरह नॉर्मल हो गया.
स्त्री का निर्देशन अमर कौशिक ने किया है. बतौर निर्देशक ये उनकी पहली फिल्म है. फिल्म में राजकुमार, श्रद्धा, पंकज त्रिपाठी के आलावा अपारशक्ति खुराना और अभिषेक बनर्जी प्रमुख भूमिकाओं में हैं. स्त्री की सक्सेस के बाद अब इसका सीक्वल बनने की भी चर्चा है.