अगर यह जवानी है दीवानी को छोड़ दिया जाए तो बतौर ऐक्टर वे बॉलीवुड में अपनी स्थिति को और अधिक मजबूत बनाना चाहते हैं. इसके लिए उन्हें लीड रोल करने की जरूरत है.
आशिकी-2 ने बॉक्स ऑफिस पर बेहतरीन ढंग से काम किया है और ऑडियंस ने भी उन्हें हाथोहाथ लिया है, ऐसे में उनके लिए सोच-समझकर फिल्में चुनना और भी जरूरी हो जाता है. अब भी आदित्य यही कहते हैं, “यह कहना बेवकूफाना होगा कि मैं सभी सुपोर्टिंग रोल्स को नजरअंदाज कर रहा हूं.”
इन दिनों उनके आशिकी-2 के रोल की जमकर तारीफ हो रही है. हाल ही में उन्हें एक बड़ा कॉम्पलीमेंट उस समय मिला जब एक बुजुर्ग महिला उनके पास आई और कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन एक पियक्कड़ के साथ गुजारा है, वह जानती हैं कि उनकी क्या परेशानियां होती हैं, और उन्होंने पियक्कड़ किरदार की जटिलताओं को परदे पर बखूबी निभाया है. रिलेशनशिप के बारे में पूछे जाने पर वे कहते हैं, “अभी तक तो मैं सीरियस रिलेशनशिप में नहीं हूं. और फिलहाल यह मेरी प्रायरिटीज भी नहीं है. अगर वाकई मुझे प्यार होता है, तो मैं उसका सम्मान करूंगा क्योंकि दिल के मामलों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.”
यह पूछे जाने पर कि रोल की खातिर उन्होंने यूटीवी मोशन पिक्चर्स के सीईओ अपने भाई सिद्धार्थ रॉय कपूर का सहारा क्यों नहीं लिया, वे कहते हैं, “यह हम लोगों का बहुत सोचा-समझा फैसला है कि हम एक-दूसरे के काम में दखल नहीं देंगे. हम तीनों अच्छा काम कर रहे हैं. मुझे उनकी मदद की जरूरत नहीं हैं. ऐक्टर बनना मेरा जुनून नहीं था. मुझे जो मिल रहा हैं, मैं उससे खुश हूं.”