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इस वजह से नरगिस ने कभी नहीं पहनी सुनील दत्त की दी हुईं साड़ियां

एक शानदार अभिनेता के साथ-साथ सुनील दत्त एक कामयाब नेता भी थे. उनके जन्मदिन पर बता रहे हैं उनके जीवन से जुड़े रोचक किस्से.

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सुनील दत्त
सुनील दत्त

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सुनील दत्त का जन्म 6 जून 1929 पंजाब राज्य के झेलम जिला स्थित खुर्दी नामक गांव में हुआ था. उनका असली नाम बलराज दत्त था. सुनील ने अपना करियर रेडियो से शुरू किया था, वे radio ceylon में हिंदी के सबसे प्रसिद्ध अनाउंसर थे. एक शानदार अभिनेता के साथ-साथ वो एक कामयाब राजनेता भी थे. उनके जन्मदिन पर बता रहे हैं उनके जीवन से जुड़े रोचक किस्से-

1- सुनील दत्त पहले रेडियो में काम करते थे. उनके अंदर अभिनेता बनने की इच्छा थी. इस सिलसिले में वो मुम्बई आ गये. 1955 में फिल्म "रेलवे स्टेशन" से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की.

2-  लेकिन उनके नाम के आगे स्टार उस वक्त लगा जब साल 1957 में उनकी फिल्म 'MOTHER INDIA' रिलीज हुई. इस फिल्म ने उन्हें बॉलीवुड का फिल्म स्टार बना दिया.

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3- सुनील दत्त असल जिंदगी में भी किसी हीरो से कम नहीं थे. 1957 में बनी महबूब खान की फिल्म MOTHER INDIA की शूटिंग के वक्त लगी आग लग गई थी उस वक्त सुनील दत्त नरगिस को बचाते हुए बुरी तरह जल गए थे. बाद में उनकी ये फिल्म ऑस्कर के लिए भी नामांकित हुई थी.

4- सुनील दत्त और नरगिस से जुड़ा एक किस्सा ये भी है कि जब भी सुनील बाहर जाते थे तो नरगिस के लिए साड़ियां जरूर लाते थे. पर नरगिस ने एक भी सुनील की दी हुई साड़ी नहीं पहनी क्योंकि सुनील लाई हुई साड़ी उन्हें जंचती नहीं थी.

5- सुनील दत्त की कई बेहतरीन फिल्में हैं जो दर्शकों के जहन में आज भी ताजा है. जिनमें साधना (1958), सुजाता (1959), मुझे जीने दो (1963), गुमराह (1963), वक़्त (1965), खानदान (1965), पड़ोसन (1967) और हमराज़ (1967) आदि हैं.

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6- सुनील अपने बच्चों से काफी प्रेम करते थे. जब उनके बेटे संजय दत्त को ड्रग्स की लत लगी तो उन्होंने संजय की इस नशे की लत को छुड़ाने के लिए जमीन आसमान एक कर दिया था. वे संजय को इलाज के लिए अमेरिका में एक नशा उन्मूलन केंद्र ले गए. जहां लंबे इलाज के बाद संजय दत्त ने ड्रग्स को अलविदा कहा.

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7-सुनील ने नरगिस की मृत्यु के बाद 'नरगिस दत्त मैमोरियल कैंसर फाउंडेशन' की स्थापना की. इतना ही नहीं हर साल उनकी याद में 'नरगिस अवॉर्ड' भी देना शुरू किया.

8-  सुनील दत्त ने अपने 40 साल का जीवन फिल्मों को समर्पित कर दिया. जिसके लिए उन्हें Filmfare Lifetime Achivement Award से सम्मानित किया गया था.

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