सिनेमा हॉल में हर फिल्म के पहले राष्ट्रगान बजाने को अनिवार्य करने का मामला कई दिन से सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि सिनेमाहॉलों में राष्ट्रीय गान बजने के समय सभी दर्शकों को उसके सम्मान में खड़ा होना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय गान बजते समय सिनेमाहॉल के पर्दे पर राष्ट्रीय ध्वज दिखाया जाना भी अनिवार्य होगा. श्याम नारायण चौकसी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि सिनेमा हॉल में प्रत्येक फिल्म के प्रदर्शन से पहले हर बार राष्ट्र गान बजाया जाए.
कोर्ट ने निर्देश दिया कि राष्ट्रगान बजाये जाने को लेकर किसी व्यक्ति को कोई व्यवसायिक लाभ नहीं दिया जाए. साथ ही राष्ट्रगान का किसी भी तरह का नाट्य रूपांतरण नहीं करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने केन्द्र से एक हफ्ते के अंदर आदेश लागू कराने और सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों को इस बारे में जानकारी देने को कहा. कोर्ट ने निर्देश दिया कि किसी अवांछनीय वस्तु पर राष्ट्रगान को छापा या दर्शाया नहीं जाए.
SC said that the National Anthem should not be dramatised or commercially exploited: Abhinav Srivastav, Legal Counsel for Petitioner pic.twitter.com/o0qj6qvbIN
— ANI (@ANI_news) November 30, 2016
याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रगान भारत की आजादी का अभिन्न अंग है. इससे जनमानस की भावनाएं जुड़ी हुई हैं. सिनेमा हॉल में फिल्म के प्रदर्शन से पहले, मनोरंजन के कार्यक्रम के दौरान, राष्ट्रगान चलाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. याचिका में यह भी मांग की गई है कि राष्ट्रगान को बजाने और गाने को लेकर दिशा निर्देश बनाए जाए.
राष्ट्र के सम्मान में उठना बड़ी बात नहीं: रेणुका चौधरी
कोर्ट के इस निर्देश पर राज्य सभा सांसद रेणुका चौधरी ने कहा कि यह पुराना मामला है. राष्ट्रगान के लिए खड़े होना गर्व की बात है. अगर हम कोई खराब विज्ञापन फिल्म देखने के दौरान बैठे हुए झेल सकते हैं तो फिर राष्ट्र के सम्मान में 2-3 मिनट के लिए उठना कोई बड़ी बात नहीं है.
राज बब्बर ने भी इस निर्देश का समर्थन करते हुए कहा, 'हम इस फैसले का स्वागत करते हैं. राष्ट्रगान पूरे देश के लिए सम्मान की बात है.' बीजेपी सांसद और फिल्म एक्टर अनुभव मोहंती ने इसे एक बड़ा फैसला बताया और कहा कि सभी को राष्ट्र गान का सम्मान करना चाहिए.