'वीरे दी वेडिंग' में स्वरा भास्कर को उनके एक बोल्ड सीन की वजह से खूब ट्रोल किया जा रहा है. हालांकि स्वरा ने ट्रोलर्स को जवाब देते हुए उनके कमेंट्स को 'पेड ट्रोल' करार दिया. अब स्वरा की मां, ईरा भास्कर ने भी इस सीन पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
वीरे दी वेडिंग के एक सीन से ट्रोल हुईं स्वरा, दिया करारा जवाब
हालांकि ईरा ने स्वरा के सीन पर सीधे तौर पर कुछ भी नहीं कहा. लेकिन उन्होंने फिल्मों में दिखाए जाने वाले इस तरह के सीन्स पर जरूर बात की. जानकारी के लिए बता दें फिल्म वीरे दी वेडिंग में स्वरा भास्कर पर ऑर्गैजम सीन फिल्माया गया है जिसमें एक्ट्रेस को 'वाइब्रेटर' का इस्तेमाल करते दिखाया गया है. कुछ लोग जहां इस बोल्ड सीन के लिए स्वरा की तारीफ़ कर रहे हें तो वहीं कुछ लोगों ने इसे चीप और वल्गर करार दिया है.
क्यों बार-बार ट्रोल होती हैं स्वरा भास्कर? सोनम कपूर ने बताया
जेएनयू में टिश स्कूल ऑफ आर्ट्स में पीएचडी कर चुकीं और फिल्म इतिहासकर ईरा भास्कर ने एक वेबसाइट से स्वरा के बोल्ड सीन को लेकर बात की. उन्होंने कहा, 'मैं सबसे पहले ये कहना चाहूंगी कि सेक्शुअलिटी इंडियन सिनेमा का सब्जेक्ट नहीं है, जिसे कि डायरेक्ट प्रेजेंट किया जा सके. अगर हम इंडियन सिनेमा के इतिहास की बात करें तो हमारा सिनेमा काफी अलग है, इसमें पिछले कई सालों से विकास हुआ है और इरॉटिक सब्जेक्ट पर भी हमारा नजरिया बेहद साफ और मिलाजुला है.'
उन्होंने कहा-'सेक्शुअलिटी या वुमेन डिजायर को दिखाने के लिए गानों का सहारा लिया जाता रहा है, लेकिन कई चीजें ऐसी हैं जिन्हें गाने में भी सीधे तौर पर नहीं फिल्माया जा सकता है. फिर चाहे वो हिंदी फिल्में हों, तमिल फिल्में हो या बंगाली फिल्में. हालांकि काफी हद तक फिल्मों के गानों में इरॉटिक और सैक्शुअलिटी इमोशंस को दर्शाया जाता रहा है.'
ईरा भारस्कर ने फिल्म 'मुगल-ए-आजम' के गाने का उदाहरण देते हुए कहा, "ये फिल्म सीधे तौर पर लव मेकिंग या सेक्शुअल एक्ट को नहीं दिखाती है." ईरा ने यहां महेश भट्ट के 'मुगल-ए-आजम' को दिए गए बयान की याद दिलाई. जिसमें महेश ने 'मुगल-ए-आजम' के उस सिक्वेंस को हिंदी सिनेमा का सबसे इरॉटिक सीक्वेंस बताया था जिसमें दीलिप कुमार मधुबाला के चेहरे पर हाथ फेरते हैं.'
ईरा ने महिलाओं के सैक्शुअली एक्टिव किरदारों को ट्रोल किए जाने को लेकर कहा, ये इसलिए हो रहा है कि क्योंकि इस तरह की फिल्मों में महिलाओं को वास्तिवकता के साथ पेश किया गया है और इसे समाज को अपनाने में अभी वक्त लगेगा.